भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के केस में गिरफ्तार निलंबित एडीजी जीपी सिंह की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज हो गई। जीपी को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। कोर्ट ने जीपी पर लगे आरोपों को बेहद गंभीर बताया और कहा जिस पद पर वे बैठे हैं, आरोप गंभीर है। जमानत पर हालांकि 50 मिनट बहस चली। जीपी के वकीलों स्वास्थ्य के साथ सुरक्षा का हवाला दिया।
पर कोर्ट ने वकीलों के तर्क को नहीं माना। जेल अधीक्षक को उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी। कोर्ट ने ये भी कहा है कि जेल में किए जा रहे इंतजामों से अवगत कराया जाए। मंगलवार को रिमांड की अवधि पूरी होने पर एसीबी ने मंगलवार दोपहर 1.45 बजे उन्हें कोर्ट में पेश किया। एसीबी ने इस बार उनकी रिमांड नहीं मांगी, क्योंकि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। कोर्ट में पेश होने के दौरान निलंबित एडीजी ज्यादातर समय पोर्च में ही रहे। बहस के बाद फैसला होने तक का पूरा समय उन्होंने पोर्च में ही गुजारा। कोर्ट में जमानत अर्जी पर सबसे पहले जीपी के वकीलों ने अपना पक्ष रखा। करीब 35 मिनट तक कई तरह की दलीलें दीं। उसके बाद सरकारी वकीलों ने 15 मिनट तक अलग-अलग तर्क देकर जमानत का विरोध किया।
जीपी के वकील- जीपी सिंह लंबे समय तक पुलिस विभाग में कार्यरत रहे हैं। इस दौरान उन पर कई तरह का दबाव बनाया गया, जब उन्होंने दबाव में आकर कार्रवाई करने से इंकार कर दिया तब उन्हें द्वेष पूर्ण फंसाया गया है। उन पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगाया है, ये पूरी तरह से गलत है। उनके घर से जो संपत्ति के जो दस्तावेज मिले हैं। वे उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं। उनके नाम पर कोई प्रापर्टी नहीं है। वे एसीबी को जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं। उनकी तबीयत ठीक नहीं है, उन्हें हार्ट की परेशानी है। अगर उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा जाता है तो उनकी जान को भी खतरा है, क्योंकि दुर्ग-रायपुर रेंज आईजी रहते हुए कई कुख्यात बदमाशों और अपराधियों पर कार्रवाई की है, जो अभी जेल में बंद हैं।
सरकारी वकील- अभी पूरा मामला जांच में है। प्रापर्टी के कई दस्तावेजों का परीक्षण करना है। जमानत का लाभ दिए जाने से जांच प्रभावित हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट में निलंबित एडीजी द्वारा लगाई गई अर्जी पर सुनवाई के दौरान की गई टिप्पणी का हवाला भी दिया।
डेढ़ घंटे कोर्ट की पोर्च पर खड़े रहे जीपी
विशेष न्यायाधीश एसीबी-ईओडब्ल्यू लीना अग्रवाल ने 3 से 4 बजे के बीच दोनों पक्षों को सुना। उसके बाद फैसले को सुरक्षित रख दिया। इस बीच उन्होंने अन्य मामलों की सुनवाई शुरू कर दी। उसके बाद जीपी को कोर्ट से बाहर निकाला गया। उन्हें फैसला आने तक डेढ़ घंटे पोर्च पर खड़े रहना पड़ा। इस दौरान वे कोर्ट के आदेश का इंतजार करते रहे। पोर्च पर खड़े रहने के दौरान अपने वकील और रिश्तेदारों से बातचीत करते रहे। शाम 5.30 कोर्ट ने जीपी का कोर्ट वारंट जारी कर दिया। वारंट मिलने के बाद उन्हें जेल दाखिल किया गया। शाम 6 बजे कोर्ट ने जमानत अर्जी पर भी फैसला सुनाते हुए उनकी बेल खारिज कर दी।
7 दिन रहेंगे क्वारेंटाइन, सेल में रखा गया
जेल में एडीजी जीपी सिंह को 7 दिन क्वारेंटाइन रखा जाएगा। जेल में दाखिले के बाद उन्हें अलग सेल में रखा गया है। अफसरों के अनुसार ज्यादातर बंदियों को क्वारेंटाइन रखा जा रहा है, ताकि किसी संक्रमित बंदी के जेल जाने से वहां के बाकी कैदियों में संक्रमण का खतरा न हो।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.