जीत के तमाम दावों के बावजूद खैरागढ़ में भारतीय जनता पार्टी को हार मिली है। कांग्रेस ने इस उपचुनाव में जीत हासिल की है। कांग्रेस की प्रत्याशी यशोदा वर्मा अब खैरागढ़ से विधायक होंगी। भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशी कोमल जंघेल को चुनावी मैदान में उतारा था, जो हार चुके हैं। इन नतीजों पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने दैनिक भास्कर से बातचीत की है।
रिपोर्टर- खैरागढ़ उपचुनाव के नतीजों पर आपका क्या ऑब्जरवेशन है ?
डॉ रमन- मेरा ऑब्जरवेशन बिल्कुल साफ है, पिछले साढ़े 3 साल के वक्त में खैरागढ़ में कोई भी विकास कार्य नहीं हुए। कांग्रेसी कार्यकर्ता लोगों के बीच चुनाव प्रचार के लिए भी नहीं जा सकते थे। इसलिए यहां एक अलग से घोषणा पत्र जारी करना पड़ा । ये देश में हमने पहली बार देखा। तहसील, उप तहसील कॉलेज खोले जाने जैसे वादे किए गए । नया जिला बनाने का वादा किया गया।
इस चुनाव से यह साफ हो गया है कि अब आने वाले विधानसभा चुनाव में क्या कांग्रेस 90 विधानसभा सीटों के 90 इलाकों में नए जिले बनाने की घोषणा करेगी। क्या यह फिर से विधानसभा चुनाव में नए जिले बनाने का वादा करेंगे। क्योंकि कांग्रेस घोषणा पत्र की बात को लेकर तो जनता के बीच जा नहीं सकती, क्योंकि घोषणा पत्र के वादे तो अधूरे हैं।
रिपोर्टर - भाजपा क्या वोटरों को लुभाने में पिछड़ नहीं गई ?
डॉ रमन - विपक्ष में रहकर कोई घोषणा करेगा क्या ! लोगों ने जिले के निर्माण की बात पर वोट डाला। यहां लोगों को लगा कि खैरागढ़ जिला बनेगा तो यह बड़ी बात होगी। इस प्रकार की घोषणाओं से लोगों को प्रभावित किया गया जिसका असर है।
रिपोर्टर - कैंडिडेट सिलेक्शन या चुनावी रणनीति में कोई कमी ?
डॉ रमन- हमने हमारी तरफ से पूरी मेहनत की। पूरा प्रयास किया। हमारा कैंडिडेट भी बहुत अच्छा और लोगों के बीच पहचाना जाने वाला था। हम अगले चुनावों में कांग्रेस की असफलताओं के मुद्दे को लेकर फिर से एक बार जाएंगे।
मैं कांग्रेस की प्रत्याशी यशोदा वर्मा को बधाई दूंगा, मगर मुझे लगता है कि चुनाव का नतीजा प्रतीक के रूप में है कि इसे जीतने के लिए कैसे दोबारा घोषणाएं करनी पड़ी, कोई काम बताया नहीं गया, क्योंकि हुआ ही नहीं है। ये जो चुनाव हुआ है ये अर्लामिंग है आने वाले समय के लिए।
नेता प्रतिपक्ष बोले- छल, प्रपंच और धन से जीता चुनाव
नतीजों को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जिला बनाने की बात का इफेक्ट दिखाई दे रहा है। जिस प्रकार से छल प्रपंच और धन का प्रयोग किया गया इसका असर है। खैरागढ़ में ये (कांग्रेस) बताने की स्थिति में नहीं थे कि बीते तीन सालों मंे इन्होंने कौन सा काम किया। न ही योजनाओं का क्रियांवयन किया गया।
हमने पूरे प्रयास किया, अब हार गए तो बोल सकते हैं कमी रही मगर जीतने के बाद कमियां कोई नहीं देखता। लगभग बाकि प्रदेशों का रिजल्ट देखेंगे जहां सरकार है उपचुनाव उसी करवट बैठता है ये उदाहरण बहुतयात में है कुछ एक जगहों को छोड़ देंगे तो।
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