रायपुर जिले में दशहरा पर रावण दहन देखने जाने वालों को रजिस्टर में अपना नाम-पता और मोबाइल नंबर लिखाना होगा। यह रजिस्टर आयोजकों की ओर से वहां रखा जाएगा। आयोजकों और दर्शकों को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। वहीं आयोजन में नाच-गाना और डीजे-धुमाल की अनुमति नहीं मिलेगी। धुमाल छत्तीसगढ़ में बैंड का ही एक प्रकार है।
रायपुर के अपर कलेक्टर की ओर से दशहरा आयोजन के दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत कोरोना की रोकथाम के लिए कुछ जरूरी उपाय किए गए हैं। दशहरा आयोजन समितियों के साथ बैठक के बाद कलेक्टर ने जो निर्देश जारी किए हैं, उसके मुताबिक रावण दहन में मुख्य अतिथि सहित मैदान की क्षमता से 50 प्रतिशत से अधिक लोग नहीं आ सकते। दशहरा उत्सव समितियां एक रजिस्टर रखेंगी। जिसमें वहां आने वाले सभी व्यक्तियों के नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज होगा। ताकि संक्रमण मिलने की स्थिति में कांटैक्ट ट्रेसिंग की जा सके।
सभी आयोजन समितियां विभिन्न माध्यमों से लोगों को यह जानकारी देंगी कि इस साल कार्यक्रम को सीमित किया गया है। रावण दहन के किसी कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम, भंडारा और पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। वहीं, डीजे-धुमाल और बैंड-बाजे को भी मना कर दिया गया है। प्रशासन ने आयोजन में किसी अतिरिक्त साज-सज्जा और झांकी को भी प्रतिबंधित कर दिया है।
आयोजन में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक दूरी का पालन करना, मास्क लगाना और समय-समय पर हाथ को सैनिटाइज करते रहना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने वालों पर प्रशासन महामारी कानून के तहत कार्रवाई भी कर सकता है।
कंटेनमेंट जोन में रावण नहीं जलेगा
कलेक्टर की ओर से कहा गया है, कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए इलाके में रावण दहन नहीं होगा। अगर कहीं अनुमति मिलने के बाद उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है, कार्यक्रम को तत्काल निरस्त कर दिया जाएगा। वहां कंटेनमेंट जोन के सभी प्रतिबंध लागू हो जाएंगे।
संदिग्धों को रोकने की जिम्मेदारी आयोजक पर
कलेक्टर की ओर से कहा गया है, दशहरा उत्सव समिति ही थर्मल स्कैनर, ऑक्सीमीटर, हैंडवॉश और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था करेगी। थर्मल स्कैनिंग में किसी व्यक्ति को बुखार मिलता है अथवा कोरोना का कोई लक्षण नजर आता है, तो ऐसे व्यक्ति को भीतर आने से रोकने की जिम्मेदारी आयोजन समिति की होगी।
आग से बचने का एहतियात भी जरूरी होगा
प्रशासन ने रावण दहन के दौरान आग से बचने के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाने का भी निर्देश दिया है। इसके तहत रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे की बैरिकेडिंग होनी है। वहां आग बुझाने की पर्याप्त व्यवस्था अनिवार्य होगी। आयोजकों को NGT और प्रदूषण कानूनों का भी ध्यान रखना होगा।
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