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किसानों ने मांगी MSP की कानूनी गारंटी:समर्थन मूल्य नहीं मिलने से सालाना 7 लाख करोड़ के घाटे का दावा,बोले- इसके बिना नहीं सुधरेंगे हालात

रायपुर6 महीने पहले
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किसान महासम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न संगठनों ने अपनी बात रखी और रणनीति तय की गई। - Dainik Bhaskar
किसान महासम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न संगठनों ने अपनी बात रखी और रणनीति तय की गई।

किसान अब सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य-MSP की कानूनी गारंटी को लेकर एकजुट होने लगे हैं। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ और एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा ने बुधवार को रायपुर में एक सम्मेलन किया। इसमें दावा किया गया कि MSP नहीं मिलने से देश भर में किसानों को हर साल सात लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हो रहा है। यह गारंटी दिए बिना केवल कर्ज माफी और सब्सिडी से किसानों और खेती की हालात नहीं सुधरेगी।

एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा के अध्यक्ष और किसान नेता सरदार वी.एम. सिंह ने कहा, सभी कृषि उपजों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर देश के अग्रणी किसान संगठनों ने दिल्ली में लगातार बैठकें की है। इस दौरान सर्वसम्मति से एक सूत्रीय कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय एमएसपी गारंटी किसान मोर्चा बनाया है। अब हमनें देश भर में किसान संगठनों और किसानों के बीच संगोष्ठी व सम्मेलनों के जरिये व्यापक जन अभियान शुरू किया है ताकि लोगों को जागरुक कर सकें। मोर्चा के महाराष्ट्र प्रदेश के संयोजक राजू शेट्‌टी ने कहा, देश के किसानों के कृषि उत्पादों का लाभकारी मूल्य पर ना मिल पाने के कारण लगभग सात लाख करोड़ रुपए का हर साल घाटा होता है। खेती में इस लगातार घाटे को सहते-सहते किसान कर्जे में डूबकर दिवालिया हो रहे हैं। मजबूरी में आत्महत्या तक कर रहे हैं।

शेट्‌टी ने कहा, इसका इलाज ना तो खाद, बीज, सिंचाई आदि के नाम पर दिया गया अनुदान काफी है। कर्ज माफी भी इसका कोई स्थायी समाधान नहीं है। इसके लिए तो सरकार को प्रत्येक किसान को उसकी हर फसल के लिए ससम्मान लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला एक सक्षम "एमएसपी गारंटी कानून" बनाना चाहिए, यही एकमात्र सही निदान है। संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजाराम त्रिपाठी ने कहा, देश की खेती अब बड़ा परिवर्तन मांग रही है। इस दिशा में सबसे पहला और जरूरी कदम देश के किसानों को उनके उत्पादन का वाजिब मूल्य दिलाने की गारंटी देने वाला एक सक्षम कानून बनाना होगा। यह देश के किसान संगठनों के साथ मिल बैठकर किया जाना ही उपयुक्त रहेगा।

देश भर में बैठकों-सम्मेलनों का दौर शुरू

किसान नेताओं ने बताया, यह अभियान पूरे देश में जोर-शोर से शुरू हो गया है। एक दिसम्बर को महाराष्ट्र के पुणे में एक बड़ी किसान सभा हुई। सोमवार को उत्तराखंड में किसानों की सम्मेलन हुए। बुधवार को छत्तीसगढ़ में हुआ। 18 दिसंबर को देहरादून में किसानों की बड़ी सभा आयोजित की जाने वाली है। वहां देशभर के किसान संगठनों से लोग पहुंचने वाले हैं।

छत्तीसगढ़ में यह तय हुआ

रायपुर के टिकरापारा स्थित साहू समाज के भवन में आयोजित किसान सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व विधायक जनकलाल ठाकुर ने किया। अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही ने संचालन किया। इस दौरान तय हुआ कि MSP की गारंटी देने वाला सक्षम कानून कैसे बनाया जा सकता है इसके लिए ग्रामीण स्तर पर चर्चा होगी। किसान के लिए MSP के महत्व और इसकी कानूनी गारंटी के फायदे की जानकारी प्रदेश के गांव-गांव, घर-घर, प्रत्येक किसान तक पहुंचाने हेतु कमेटी बनाई जाएगी।

किसान सम्मेलन में ये संगठन शामिल हुए थे

रायपुर के किसान सम्मेलन में अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा, जिला किसान संघ बालोद, स्पार्क संगठन, कृषक बिरादरी, राजधानी प्रभावित किसान कल्याण संघर्ष समिति, हम भारत के लोग बिलासपुर, जागो किसान संगठन, छत्तीसगढ़ किसान यूनियन, किसान संगठन बेमेतरा, प्रगतिशील किसान संगठन, सिक्ख गुरुद्वारा कमेटी रायपुर, औषधीय पौध उत्पादक संघ, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक अधिकार मोर्चा, ओबीसी संगठन, छत्तीसगढ़ कल्याण समिति तखतपुर, राष्ट्रीय किसान संगठन जैसे कई संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे।

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