चुनावी साल में चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन के लिए छोटी पार्टियों की लंबी कतार देखी जा रही है। पिछले साल दिसंबर से अब तक करीब 50 छोटे दलों ने पंजीयन के लिए चुनाव आयोग दिल्ली में दस्तक दी है। पिछले 15 दिन की बात करें तो इंक्वायरी करने वालों की संख्या 30 से ज्यादा है। चूंकि पार्टियों का पंजीयन आयोग के जरिए ही होता है। इसलिए सीईओ दफ्तर में जानकारी चाहने वाले लोगों को पार्टी बनाने से जुड़ी औपचारिक जानकारी दी जा रही है।
हालांकि अभी तक आयोग के दिल्ली मुख्यालय में छत्तीसगढ़ की किसी नई पार्टी ने आवेदन पेश नहीं किया है। देश में छोटी पार्टियों की संख्या 2 हजार से अधिक हो चुकी है। पिछले साल सितंबर में चुनाव आयोग ने मापदंडों और नियमों के मुताबिक खरा नहीं उतरने की वजह से 86 पार्टियों का पंजीयन समाप्त कर दिया है। वहीं आयोग की जांच में 253 से अधिक छोटे दलों की गतिविधियां पूरी तरह खत्म हो गई है। छोटी और नई पार्टियां चुनावी साल में ही सक्रिय रहती है। इसके बाद इनकी गतिविधियां लगभग समाप्त हो जाती है।
जानिए... भास्कर की पड़ताल में क्या मिला
1. पार्टी के दफ्तर में अब सीए का आफिस, नहीं बदला पता
निर्वाचन कार्यालय के नजदीक शहीद वीरनारायण कांपलेक्स में जय छत्तीसगढ़ पार्टी का दफ्तर है। अध्यक्ष विष्णु बघेल चार्टड अकाउंटेंट हैं। भास्कर वहां पहुंचा तो कमरे में ताला मिला। बोर्ड भी नदारद था। अध्यक्ष विष्णु बघेल ने बताया कि एक साल पहले पार्टी दफ्तर घर में शिफ्ट कर लिया है।
2. पिछले साल मार्च में पंजीयन, कार्यालय में ताला लगा मिला
मार्च में प्रदेश की सबसे नई पार्टी धूं सेना को पंजीयन मिला है। पार्टी के संस्थापक शीतला माता मंदिर के मुख्य पुजारी हैं। पुरानी बस्ती के मुख्यालय में जब टीम पहुंची तो यहां भी ताला ही मिला। महासचिव से बात की तो कहा कि जरूरत पड़ने पर कार्यालय खोल लिया जाएगा।
3. कबाड़ी दुकान और पार्टी दफ्तर एक साथ
भास्कर टीम तात्यापारा में जब छत्तीसगढ़ संयुक्त जातीय पार्टी के दफ्तर मंें पहुंची तो यहां कबाड़ी की दुकान में पार्टी का दफ्तर मिला। यहां भी ताला ही लगा हुआ था। आसपास के लोगों के मुताबिक दुकान कभी भी खुलती बंद होती रहती है। पार्टी की गतिविधियां भी अभी नजर नहीं आती। लोगों से टीम ने जब पार्टी अध्यक्ष का मोबाइल नंबर मांगा तो किसी के पास भी उनका नंबर नहीं मिला।
आयोग दफ्तर में रोज पूछताछ
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अफसरों का कहना है कि चुनावी साल होने से नई पार्टियों के पंजीयन की पूछताछ के लिए कई लोग आ रहे हैं। जिसमें नई पार्टी बनाने की ख्वाइश रखने वाले लोग तमाम तरह की पूछताछ जैसे क्या जरूरी दस्तावेज देने होते हैं। पार्टी कैसे बना सकते हैं। कहां आवेदन भेजना होगा। जैसे सवालों को लेकर अभी पूछताछ कर रहे हैं।
नई पार्टी का गठन दिल्ली से ही संभव
"नई पार्टियों का पंजीयन सीधे दिल्ली में मुख्य चुनाव आयोग के जरिए ही होता है। हमारे कार्यालय की ओर से पंजीयन के इच्छुक लोगों को चाही गई जानकारियां दी जाती है।" -रीना बाबा साहेब कंगाले, सीईओ, छत्तीसगढ़
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