पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
रायपुर के पुरानी बस्ती इलाके में ऑफसेट प्रिंटर की छोटी सी दुकान चलाने वाले अजय यदु उस वक्त हैरान रह गए जब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) से इनके पास नोटिस पहुंची। ईडी ने साल 2019 में इनके खिलाफ समंस भेजा था। मामला 2.5 करोड़ रुपयों के लेन-देन का था। हड़बड़ा कर अजय ईडी के पचपेड़ी नाका स्थित दफ्तर पहुंचे तो इन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में पता चला। दरअसल कुछ समय पहले इन्होंने इंडसइंड बैंक में खाता खुलवाया था। बैंक के कर्मचारी ने इनके दस्तावेज के जरिए फर्जी कंपनी बनाई। फर्जी नाम से खाता खोला और विदेशी कंपनियों ने करोड़ों के प्रोडक्ट खरीदे। अब मामले की शिकायत अजय ने मौदाहापारा थाने में की है। करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने वाले बैंक कर्मी को पुलिस ढूंढ रही है।
दिया था अधिक ब्याज का लालच
बात साल 2011 की है। अजय ने बताया कि इस पूरे खेल को अंजाम देने वाले बैंक कर्मी का नाम है मनीष राव कदम। मनीष अजय के साले का दोस्त था। एक दिन इनकी दुकान पर पहुंचा और कहा कि इंडसइंड बैंक में खाता खुलवाने पर अधिक ब्याज मिलेगा। बातों आकर अजय ने अपने सारे डॉक्यूमेंट मनीष को दिए। मनीष ने उनका खाता बैंक में खोला। कुछ ही दिन बाद अजय ने खाते में जमा 10 में से 8 हजार रुपए निकाल लिए। इसके बाद लेन-देन बंद कर दिया। अजय अपनी आम जिंदगी में व्यस्त हो गए। इस बीच साल 2012 में मनीष ने फर्जी कंपनी कन्हैया सेल्स में अजय के दस्तावेज का इस्तेमाल किया । करोड़ों के लेन-देन की वजह से 2019 में ईडी की नजर में यह फर्जी कंपनी आ गई और नोटिस पहुंच गया कंपनी के दस्तावेज में दिए पते यानी अजय के पास
पुलिस की देरी से हूं परेशान
8 साल पुराने मामले में अब तो बैंककर्मी मनीष पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। अजय ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करने में देरी की। अजय को साल 2019 में ईडी की नोटिस मिलने के बाद यह पता चला कि उसके दस्तावेजों का इस्तेमाल एक बड़े फर्जीवाड़े में किया गया। अजय के मुताबिक- मुझे जैसे ही इन तथ्यों की जानकारी हुई तो मैंने 31 फरवरी 2019 को मौदहापारा थाने में शिकायती आवेदन दिया था। कार्रवाई नहीं हुई तो दूसरा आवेदन 10 जनवरी 2020 में फिर दे शिकायत की। अजय ने एसएसपी से शिकायत की इसमें जांच के बाद अब रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस गिरफ्तारी का दावा कर रही है, मगर इस बीच मैं काफी परेशान रहा।
कंपनी के पते पर कुछ नहीं, हॉन्गकॉन्ग और चायना से की डील
मनीष के अजय के दस्तावेज के जरिए कन्हैया सेल्स नाम की कंपनी बनाई। मौदाहापारा पुलिस ने अब तक की जांच में पाया कि इस कंपनी में गुस्मास्ता और सीए से जारी किया जाने वाला सर्टिफिकेट भी फर्जी था। कंपनी का एड्रेस तेलघानी नाका के पास का था। वहां भी कुछ नहीं मिला। खाते के स्टेस्टमेंट की जांच की गई तो पता चला कि हॉन्गकॉन्ग और चायना से होम प्रोडक्ट्स खरीदे गए हैं। करोड़ों रुपए की पेमेंट भी की गई। अजय के फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल हुआ और टैक्स की बड़ी चोरी भी हुई। 2012 में बैंक से मनीष ने नौकरी छोड़ दी। मगर खाते का इस्तेमाल करता रहा। पुलिस अब उसका पता लगा रही है।
पॉजिटिव- आप अपने व्यक्तिगत रिश्तों को मजबूत करने को ज्यादा महत्व देंगे। साथ ही, अपने व्यक्तित्व और व्यवहार में कुछ परिवर्तन लाने के लिए समाजसेवी संस्थाओं से जुड़ना और सेवा कार्य करना बहुत ही उचित निर्ण...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.