भास्कर एक्सक्लूसिव:जीनोम लैब अब शहर में भी, वायरस के वैरिएंट ढूंढ़ना होगा आसान, अभी वैरिएंट की रिपोर्ट मिलती है 4 माह में क्योंकि लैब चुनिंदा शहरों में ही

रायपुर2 वर्ष पहले
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स्वास्थ्य विभाग ने पं. जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब चालू करने की प्लानिंग कर ली है। - Dainik Bhaskar
स्वास्थ्य विभाग ने पं. जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब चालू करने की प्लानिंग कर ली है।

कोरोना वायरस में किस तरह का म्यूटेशन हुआ, कौन सा नया वैरिएंट प्रदेश में सक्रिय है? ऐसे तमाम सवालों का पता लगाने के लिए प्रदेश को दूसरे शहरों की एडवांस लैब के भरोसे नहीं रहना होगा। स्वास्थ्य विभाग ने पं. जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब चालू करने की प्लानिंग कर ली है।

जांच के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मंजूरी जरूरी है। मंजूरी मिल जाने के बाद यहां लैब चालू कर दी जाएगी। अफसरों के अनुसार केंद्र से हरी झंडी मिलने के एक माह के भीतर लैब चालू करने का प्लान है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव खुद इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भेजा जा रहा है।

हमें उम्मीद है कि एडवांस लैब के लिए प्रदेश को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जल्द ही मंजूरी भी मिल जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के अनुसार ने अभी प्रदेश में नए म्यूटेशन या वैरिएंट की पड़ताल के लिए सैंपल अन्य शहरों के एम्स की लैब भेजे जाते हैं।

वहां से रिपोर्ट आने में तीन से चार माह तक का इंतजार करना पड़ता है। इससे प्रदेश के किस जिले में वायरस का कौन सा वैरिएंट सक्रिय है ये भी हमें समय पर पता नहीं चल पाता है। चूंकि वायरस का स्वरूप आगे भी इसी तरह बदलता रहेगा, लिहाजा प्रदेश की ओर से नेहरू मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए एडवांस लैब शुरु करने के लिए प्रस्ताव बनाया गया है।

करीब सवा करोड़ में आएगी डीएनए सिक्वेंसर मशीन

नेहरु मेडिकल कॉलेज के सीनियर वॉयरोलॉजिस्ट डॉ. अरविंद नेरल के मुताबिक जीनोम सिक्वेंसिंग के जरिए नए वैरिएंट या स्ट्रेन की पड़ताल के लिए डीएनए सिक्वेंसर मशीन की जरूरत है। ये आधुनिक मशीन करीब एक से सवा करोड़ के बीच आती है।

स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए नेहरु मेडिकल कॉलेज से प्रस्ताव भी मांगा था। डॉ. नेरल के अनुसार डीएनए सिक्वेंसर मशीन के जरिए स्थानीय स्तर पर वायरस के नए वैरिएंट की पड़ताल अधिकतम दो हफ्ते में ही पूरी हो सकती है। यही नहीं इससे प्रदेश में रिसर्च और स्टडी के लिए भी एक नया रास्ता बनेगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को नेहरु मेडिकल कॉलेज में जीनोम सिक्वेंसिंग लैब के लिए प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही यहां एडवांस मशीनों के जरिए वैरिएंट की पड़ताल मुमकिन होगी।
टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री

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