राजीव किसान न्याय योजना के तहत किसानों को धान बोनस की दूसरी किस्त देने के लिए सरकार 1300 करोड़ कर्ज ले रही है। इसके लिए सरकार प्रतिभूतियों काे नीलाम कर रही है। रिजर्व बैंक मंगलवार को नीलामी करने जा रही है। बता दें कि इस साल का यह पहला कर्ज है। सरकार 12 हजार करोड़ तक कर्ज ले सकती है। सीएम भूपेश बघेल ने 20 अगस्त को न्याय योजना की दूसरी किस्त देने का ऐलान किया था। इससे पहले सरकार ने चार साल की प्रतिभूति की नीलामी करने का फैसला किया है। कोर बैंकिंग साल्यूशन (ई कुबेर) के जरिए रिजर्व बैंक से मंगलवार को नीलामी के बाद यह 1300 करोड़ की राशि मिल जाएगी। इसमें 200 करोड़ मिलाकर 1500 करोड़ रुपए दूसरी किस्त का भुगतान किया जाएगा। जिस दिन सरकार किसानों के बैंक खाते में राशि का भुगतान करेगी, उसके दूसरे दिन तीजा पर्व है। इसके बाद गणेश चतुर्थी है। किसानों त्योहार से पहले राशि की मांग कर रहे थे।
केंद्र सरकार से राज्य को मिले हैं दस हजार करोड़
इस साल कोरोना की वजह से बड़ी संख्या में प्रोजेक्ट प्रभावित हुए हैं। इस वजह से कर्ज की जरूरत नहीं पड़ी। रिजर्व बैंक ने छत्तीसगढ़ सरकार को 12 हजार करोड़ की क्रेडिट लिमिट दी है। दूसरी ओर जीएसटी क्षतिपूर्ति और अन्य केंद्रीय योजनाओं को मिलाकर केंद्र से राज्य को दस हजार करोड़ मिले हैं। खासकर मनरेगा में जो राशि मिली है, उसमें काम देने के मामले में छत्तीसगढ़ अव्वल है।
राज्य के बजट का आधा पहुंच चुका कर्ज
छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस की सरकार मिलाकर अब राज्य के बजट का आधा कर्ज पहुंच चुका है। राज्य का बजट एक लाख करोड़ रुपए का है, जबकि भाजपा व कांग्रेस सरकार मिलाकर कर्ज 51 हजार करोड़ से ज्यादा हो चुका है। तत्कालीन सरकार ने 2014-15 से जनवरी 2018 तक रिजर्व बैंक से 18350 करोड़ का कर्ज लिया था। 2014 में 4 किस्तों में 2200, 2015 में 6 किस्तों में 5000, 2016 में 3 किस्तों में 1850 करोड़, 2017 में 5 किस्तों में 7200 करोड़ लिए थे। 2018 में करीब 2200 करोड़ से अधिक का कर्ज लिया गया है। दिसबर-18 से मार्च-19 तक दोनों ही सरकारें कुल 11 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी हैं।
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