निलंबित IPS जीपी सिंह ने मंगलवार रात रायपुर की सेंट्रल जेल में बिताई है। उन्हें मंगलवार को अदालत ने 14 दिनों की रिमांड पर जेल भेजा। इस बीच उनके वकील ने दावा किया है कि जेल में जीपी सिंह की जान को खतरा है। अधिवक्ता आशुतोष पांडे ने कहा- जीपी सिंह एक डेकोरेटेड अफसर रहे हैं। वो दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर के IG थे। कई हाई प्रोफाइल मामलों को इन्वेस्टिगेट किया है। उनकी वजह से कई अपराधी जेल गए हैं। उसी जेल में अब जीपी सिंह जाएंगे तो उन पर हमला हो सकता है। उनकी जान को खतरा है।
जीपी सिंह के वकील ये बातें रायपुर की अदालत में उनकी जमानत याचिका में आधार के तौर पर भी कहीं हैं। इन दलीलों को सुनकर अदालत ने जीपी सिंह को जमानत तो नहीं दी मगर, जेल सुपरिटेंडेंट को जीपी सिंह की सुरक्षा का जिम्मा दिया है। अब जेल में उनकी सुरक्षा का खास इंतजाम किया गया है। अलग सेल में उन्हें रखा गया है। जेल के भीतर सुरक्षाकर्मी जीपी सिंह की निगरानी करेंगे।
जेल में खाने-पीने का भी अलग बंदोबस्त
जेल में स्वास्थ्य-गत कारणों से जीपी सिंह के लिए खाने-पीने का अलग बंदोबस्त किया जा सकता है। कोर्ट में जीपी सिंह की तरफ से कहा गया है कि उनका हार्ट और ब्लड प्रेशर का इलाज चल रहा है। अब ऐसे में खान-पान का विशेष ध्यान देना होता है। जेल में पहली रात तो जीपी ने कैदियों को दिया जाने वाला खाना ही खाया, मगर सूत्रों की माने तो स्वास्थ्य-गत कारणों से जीपी सिंह के खाने का अलग बंदोबस्त किया जा सकता है यदि जेल के डॉक्टर सलाह दे दें।
ये हुआ कोर्ट में
मंगलवार को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड में जीपी सिंह को जेल भेज दिया है। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किसी IPS अफसर को जेल भेजा गया है। कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस ने जीपी सिंह की रिमांड नहीं मांगी तो जीपी सिंह की लीगल टीम ने जमानत पर बहस चाही। दलील दी गई कि जीपी सिंह से पूरी पूछताछ हो चुकी है। पूरा केस दस्तावेज पर आधारित है और सभी दस्तावेज पुलिस के पास हैं। उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। मगर बात नहीं बनी अब जेल के क्वारैंटाइन रूम में सिंह को रखा गया है।
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