शिक्षा का अधिकार यानी आरटीई से निजी स्कूलों में जुलाई का आधा महीना बीतने के बाद भी प्रवेश नहीं हुआ है। जबकि शिक्षा सत्र 2021-22 के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो चुकी है। एडमिशन में देरी से छात्रों को नुकसान होगा।
आरटीई से दो चरणों में प्रवेश की योजना बनाई गई थी। इसके अनुसार पहले चरण के लिए मार्च में आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन अब भी आवेदन ही मंगाए जा रहे हैं। एडमिशन के लिए सीटें नहीं बांटी जा रही है। इस देरी को लेकर पालकों में भी नाराजगी है। उनका कहना है कि निजी स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो चुकी है। लेकिन अभी तक एडमिशन काे लेकर स्थिति साफ नहीं है। जबकि जुलाई का आधा महीना बीत गया है।
इस बारे में शिक्षा विभाग के अफसर यही कह रहे हैं कि सीटों का आबंटन जल्द होगा। लेकिन न लॉटरी हो रही है और न ही सीधे सीटें बांटी जा रही है। आरटीई के सीटों में प्रवेश में हो रही देरी को लेकर छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने स्कूल शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है।
जल्द से जल्द सीटों का आबंटन कर प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करने की मांग की है। गौरतलब है कि आरटीई की आरक्षित सीटों में प्रवेश के लिए अब भी आवेदन मंगाए जा रहे हैं। जिले के निजी स्कूलों में आरटीई की 8448 सीटें है। इनके लिए 9 हजार से अधिक फार्म मिल चुके हैं।
इस बार भी बड़े स्कूलों में प्रवेश के लिए उपलब्ध सीटों की तुलना में आवेदन अधिक मिले हैं। वहीं दूसरी ओर कई स्कूलों में सीटों की तुलना में आवेदन कम भी मिले हैं। जिन स्कूलों के लिए आवेदन ज्यादा है। वहां लॉटरी से सीटें बांटी जाएगी।
जिन स्कूलों में कम आवेदन मिले हैं वहां सीटें आवेदन के आधार पर बांटी जाएगी। राज्य में आरटीई की 83649 सीटें हैं। पिछले साल आरटीई की बड़ी संख्या में सीटें खाली थी। इस बार भी आवेदन कम मिलने से बड़ी संख्या में सीटें खाली रह सकती है।
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