छत्तीसगढ़ में मौसम बदलने के साथ सर्दी-जुकाम और बुखार के मरीज अचानक बढ़े हैं। आमतौर पर सर्दी-बुखार को लोग कोरोना के पहले जिस तरह समझते थे, अभी भी वही स्थिति है। डॉक्टर इसे ही खतरनाक स्थिति मान रहे हैं। डाक्टरों का कहना है सर्दी-बुखार जल्दी ठीक नहीं हो रही। भारी सिरदर्द, भूख नहीं लगना या किसी काम को करते हुए थोड़ी देर में ही थकान लगने पर भी कोरोना जांच करवाना चाहिए।
साथ ही कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर विशेषज्ञ, डॉक्टर भी अलर्ट हो गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में इन दिनों सीजनल वायरल के मरीज काफी संख्या में मिल रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है क्लीनिकल जांच के जरिए कभी भी ये नहीं कहा जा सकता है कि किस मरीज को कोरोना है या किसको नहीं। ऐसी स्थिति में दो-तीन तक सर्दी, खांसी, बुखार ट्रीटमेंट लेने के बाद भी ठीक न हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर कोरोना की जांच करवाना ही बेहतर रहेगा।
मेडिसिन और चेस्ट एंड टीबी के ज्यादातर विशेषज्ञ किसी भी असहज स्थिति में कोरोना जांच करवाने की हिमायत कर रहे हैं, क्योंकि कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर अभी बहुत अधिक स्थितियां स्पष्ट नहीं हुई है। अभी तक केवल एक बात ही स्पष्ट रूप से सामने आ रही है कि नए वैरिएंट में संक्रमण का फैलाव तेजी से हो रहा है।
विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग किसी भी तरह का रिस्क न लें, जांच करवाने में कोई हिचक भी न रखें। कोरोना की दोनों लहरों में देखा गया है कि जल्दी जांच करवाने से इलाज भी जल्दी शुरु होता है और मरीज के गंभीर होने की आशंका भी नहीं रहती है। मरीज स्वस्थ भी जल्दी ही हो जाता है।
सतर्कता जरूरी
एक्सपर्ट व्यू; सर्दी, खांसी, बुखार ठीक न हो तो जांच ही बेहतर
मास्क, सोशल दूरी, सैनिटाइजेशन कारगर
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