कांग्रेस ने रविवार को बांग्लादेश मुक्ति युद्ध में शामिल भारतीय सेना के नायकों का सम्मान किया। पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में यह सम्मान समारोह युद्ध के 50 वर्ष पूरे होने पर आयोजित हुआ था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, आयरन लेडी इंदिरा गांधी के साहस और दृढ़ता की वजह से भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर स्वतंत्र बांग्लादेश का निर्माण कर दिया। जो लोग केन्द्र की सरकार में बैठकर कह रहे कांग्रेस ने 70 सालों में कुछ नहीं किया, उन्हें 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम को भी याद करना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, पूर्व सैनिकों का सम्मान करते हुये कांग्रेस पार्टी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रही है। कांग्रेस देश के सैनिकों के नाम से राजनीति नहीं करती, देश के सैनिको का सम्मान करती है। कांग्रेस देशहित और लोकतंत्र की रक्षा को सर्वोपरि रखती है। सर्व धर्म समभाव, सबके सम्मान की बात की, सभी की धार्मिक स्वतंत्रता, मौलिक अधिकारों की रक्षा कांग्रेस ने की। मरकाम ने कहा, जिन्होंने देश के लिये उंगली भी नहीं कटाई वे आज राष्ट्रवाद की परिभाषा बताने की कोशिश कर रहे हैं। देश का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि सैनिको के पराक्रम के आधार पर नेता वोट मांगकर अपनी राजनैतिक रोटी सेकने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस के लिये देश सर्वोपरि है कांग्रेस के लिये सरकार चलाना नहीं देश बनाना प्रथम लक्ष्य रहा है। समारोह को बांग्लादेश मुक्ति संग्राम 50 वर्ष आयोजन समिति के संयोजक कैप्टन प्रवीण डाबर और ब्रिगेडियर प्रदीप यदु ने भी संबोधित किया।
वीर सैनिकों के योगदान को याद कर सम्मानित किया
इस अवसर पर 1971 के वीर सैनिक कर्नल अविनाश सिंह, अरूण कुमार दुबे, आरपी पांडेय, वी.जी. तामस्कार, जय रंजन वीके, सैय्यद निजाम, गेन चांद, बनवारी लाल, एस.के. झा, प्रहलाद शर्मा, शंकर सोनवानी, अभिलाष बहादुर सिंह, देव नारायण साहू, जगदीश प्रसाद यादव, ज्ञान शंकर मिश्रा, उमा शंकर साहू, बलवंत सिंह, शोभनाथ पांडेय, गंगाजल कुलदीप, धन्ना लाल वैद्य, नरिंदर सिंह बाल, बलदेव प्रसाद, देबलाल हलधर, भंण्डारी राम, राम कुमार पांडेय, मुसादीलाल शर्मा, ज्ञान शंकर मिश्रा को सम्मान किया गया।
वीर नारियों को भी किया सम्मानित
इस अवसर पर दिवंगत सैनिकों की पत्नियों और परिजनों को सम्मानित किया गया। कांग्रेस ने सुशीला बाई, रूखमणी बाई सोनी, प्रेमलता देवी, विमला साहू, गौरी बाई, सुरजीत कौर, कमल वर्मा, गुरूचरन कौर, कमला देवी, बाल कुमारी थापा, रवनीत कौर, मोंगरा चंद्राकर, पुर्णिमा देवी, विजया प्रधान, गनेषी माधवी, केशर बाई पाठक, सय्यदा के, राम दुलारी नायक, बैशाखा देवी, उर्मिला शर्मा, धर्माथ, इंदिरा चौहान, फुलकुवंर मेहता, सन बाई और कल्पना यादव को सम्मानित किया।
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