छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को आईएएस कॉन्क्लेव में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने बंद गले का ब्लैक सूट पहना। यही ड्रेस तमाम आईएएस अधिकारियों ने भी पहन रखी थी। अफसरों के बीच बिल्कुल अफसर के अंदाज़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नजर आए।
आईएएस अधिकारियों के बीच बतौर मेहमान पहुंचने के अनुभव पर जब पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से सवाल किया तो वह मुस्कुराने लगे। हंसते हुए बोले- यह मेरा पहला अनुभव रहा, आईएएस अधिकारियों के कॉन्क्लेव में फॉर्मल प्रोग्राम होते हैं । मुझे भी निमंत्रण मिला था मैंने यहां आकर देखा कि कैसे बैठना है, कैसे खाना है, कितनी देर रुकना है, क्योंकि चीफ गेस्ट जब खाएंगे तभी सभी खाना शुरू करते हैं। अगर वह रुक जाते हैं तो सभी रुक जाते हैं, अगर वह उठकर कहीं चले गए तो सभी को छोड़कर जाना होता है। अच्छा अनुभव रहा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आईएएस अफसरों से कहा कि हम अगर नागरिकों को विश्वास में लेकर काम करेंगे तो हमें बेहतर परिणाम मिलेंगे
CM की ड्रेस ने बढ़ाया हौसला
आईएएस एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष मनोज कुमार पिंगुआ ने कहा कि टीम भावना से कार्य करें और सकारात्मक ऊर्जा को राज्य की प्रगति में लगाएं। पिंगुआ ने कहा कि मुख्यमंत्री आज हमारे कॉन्क्लेव में बंद गले का काला कोट पहनकर आये हैं जो हमारा ड्रेस कोड है, इससे हम सभी का उत्साह बढ़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एसोसिएशन की तरफ से विश्वास दिलाया कि हम सभी छत्तीसगढ़ के हित में कर्तव्यनिष्ठा एवं समर्पणभाव से कार्य करते रहेंगे।
जब मिली यादगार पेंटिंग
एसोसिएशन की तरफ से दिव्यांग बच्चों द्वारा निर्मित एक पेंटिंग भी सीएम को यादगार के तौर पर दी गई। इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री बघेल की पेंटिंग थी। इस दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि आईएएस अधिकारियों द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि को हमेशा सही सलाह दी जानी चाहिए। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अधिकारियों की कार्यप्रणाली के बारे में बेहतर समझ होती है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रियंका शुक्ला, धन्यवाद ज्ञापन धनंजय देवांगन ने किया।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर दें जोर
मुख्यमंत्री ने IAS अधिकारियों से कहा कि बोलइया के जिल्लो बेचा जाथे, अउ नई बोलइया के चना घलो नई बेचाये अर्थात जिन्हें व्यवसाय की कला आती है उनका छोटा सा सामान भी बिक जाता है और जो इस कला से अनभिज्ञ हैं वे अपना कीमती सामान भी नहीं बेच पाते हैं। उन्होंने ये बातें गांव के उत्पादों की मार्केटिंग को लेकर कहीं, उन्होंने कहा कि गांव की चीजों को अच्छा बाजार मिले। इस पर अफसरों को ध्यान देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने आरंग के रीवां और पाटन क्षेत्र के तरीघाट का जिक्र करते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ का इतिहास लगभग 2 हजार साल पुराना है। पूर्व में छत्तीसगढ़ बड़ा व्यापारिक केंद्र था और यहां सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था प्रचलित थी। वर्तमान में इसी इतिहास को आगे लेकर चलने की आवश्यकता और पुरखों की पद्धति को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
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