रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल में अनियमित कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने मंगलवार को धरना प्रदर्शन किया। ये सभी विधानसभा घेरने निकले थे। मगर पहले ही पुलिस ने इन्हें रोक लिया। ये सभी बजट में उनके लिए किसी तरह का प्रावधान नहीं होने से नाराज है।
अनियमित कर्मचारियों का कहना है कि चुनाव से पहले सरकार ने बड़े-बड़े फ्लैक्स लगाकर नियमित करने की घोषणा की थी। लेकिन इस सरकार के अंतिम बजट में हमारे लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया। अब नियमित करने के निर्णय लेने की बजाए सरकार हमें डाटा को लेकर उलझा रही है।
प्रदर्शन में संयुक्त अनियमित कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने कहा की आज इस प्रदर्शन में 75 से अधिक कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी एकत्रित हुए हैं। उन्होंने प्रदर्शन के दौरान कहा की शिक्षाकर्मियों का जब संविलियन हुआ, तब तो डाटा की दिक्कत नहीं हुई। ऐसा कौन सा रॉकेट साइंस लग रहा है जो बीते साढ़े 4 साल से अनियमित कर्मचारियों को डाटा सामने नहीं आ पाया। क्या प्रत्येक विभाग कर्मचारियों को सैलरी देता है। सभी डाटा ऑनलाइन मौजूद हैं। प्रशासन अनियमित कर्मचारियों को गुमराह ना करें।
वहीं अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रांतीय संयोजक गोपाल साहू ने कहा सरकार नियमित करने के निर्णय के समय हमें डाटा में उलझा रही हैं। जिससे प्रदेश के 5 लाख 46 हजार अनियमित कर्मचारियों के अंदर आक्रोश है। जिसके चलते आज हम यहां इकट्ठे हुए हैं। सरकार को अपना वादा पूरा करना चाहिए।
ये है मांगें
1-शासकीय विभागों एवं अधीनस्थ विभागों निगम, मंडल,आयोग के सभी अनियमित कर्मचारियों जैसे संविदा, प्लेसमेंट, ठेका, कलेक्टर दर, मानदेय, दैनिक वेतन भोगी, श्रमआयुक्त दर का नियमितीकरण हो।
2- विभिन्न विभागों से छंटनी किए गए कर्मचारियों की फिर से नौकरी में रखा जाए।
3- दिवंगत शिक्षक कर्मियों के परिजनों को नौकरी दिया जाए।
4- अल्प मानदेय जैसे रसोईया,सफाई कर्मी को न्यूनतम कलेक्टर दर से वेतन दिया जाए।
5- प्लेसमेंट और ठेका पद्धति बंद हो ।
6-अंशकालिक कर्मचारी को पूर्णकालिक किया जाए।
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