क्रिसमस पर शहर के गिरजाघरों में सुबह से लोगों की भीड़ उमड़ी। विशेष पूजा और प्रार्थना के बाद भगवान के जन्म का संदेश सुनाया गया। फिर केक काटकर प्रभु यीशु के आगमन की खुशियां मनाई गईं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सेंट पॉल कैथेड्रल में आयोजित समारोह में शामिल हुए। यहां मसीहीजनों ने उन्हें गुलदस्ता और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
समारोह में विधायक कुलदीप जुनेजा, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा, विधायक रेणु जोगी, महापौर एजाज ढेबर, पूर्व विधायक अमित जोगी भी शामिल हुए। सीएम ने कहा कि प्रेम, दया, करुणा और ईश्वर पर विश्वास ही मुक्ति का रास्ता है। यही रास्ता प्रभु यीशु मसीह ने हमें दिखाया है। विकास वहीं होगा जहां जहां प्रेम और सद्भाव है। छत्तीसगढ़ी संस्कृति और छत्तीसगढ़ शासन का भी यही मूलमंत्र यही है।
उन्होंने ने कहा, प्रभु यीशु ने स्वयं कष्ट सहकर पीड़ितों की सेवा की। पिछले दो-तीन दशकों में पूरी दुनिया में मानव-मूल्यों में तेजी से गिरावट आई है। हिंसा और घृणा का वातावरण घना हुआ है। ऐसे में प्रभु यीशु के संदेशों की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। हम सभी को उनकी शिक्षाओं को याद रखने और उनका अनुसरण करने की जरूरत है। नफरत का रास्ता जंग और अशांति का रास्ता है, जबकि प्रेम का रास्ता शांति और सद्भाव का रास्ता है। प्रभु यीशु मसीह ने जिन गुणों को धारण करने का आदेश दिया है, वे सभी गुण हमारी छत्तीसगढ़िया संस्कृति में हमेशा से विद्यमान है। सभी तरह के विश्वासों और परंपराओं का आदर ही हमारी सांस्कृतिक विशेषता है।
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