राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र के कालीचरण को फर्जी बाबा घोषित कर रही है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्विटर पर कालीचरण की तस्वीर शेयर की है। कालीचरण पर रायपुर की धर्म संसद में महात्मा गांधी को गाली देने का आरोप है। कालीचरण की तस्वीर साझा करते हुए नवाब मलिक ने कैप्शन लिखा है- फर्जी बाबा गाली चरण।
खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुई धर्म संसद जहां महाराष्ट्र के कालीचरण को बुलाया गया था, उसका आयोजन खुद एनसीपी के राष्ट्रीय स्तर के नेता रायपुर के नीलकंठ त्रिपाठी ने किया था। नीलकंठ त्रिपाठी ने 2 दिन पहले ही इस पूरे मामले में बवाल खड़ा होने के बाद पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है।
ओवैसी भी कूद चुके हैं विवाद में
रायपुर की धर्म संसद में महात्मा गांधी को गाली देने से उठे विवाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी कूद चुके हैं। हाल ही में उन्होंने ट्वीटर पर लिखा था रायपुर के 'नर संहारी सम्मेलन' में कालीचरण ने गांधी जी को गाली दी और गोडसे की तारीफ की। इस बात पर आपत्ति जताते हुए राम सुंदर रूठ कर सम्मेलन से चले गए। राम सुंदर छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं और इनका कैबिनेट रैंक है। ये धर्म संसद के मुख्य संरक्षक थे। सम्मेलन कांग्रेस के बिना मुमकिन ही नहीं था।
जेल में चल रही है एक्सरसाइज
कालीचरण को महात्मा गांधी को गाली देने के मामले में रायपुर की पुलिस ने गिरफ्तार किया। 13 जनवरी तक उसे रायपुर की जेल में न्यायिक रिमांड में रखा गया है। कालीचरण ने बताया था कि हर रोज 2 से 3 घंटे बाद जिम में वक्त बिताते हैं, फिलहाल जेल में ही एक्सरसाइज करके काम चला रहे हैं।
भाजपा और हिंदू संगठन कर रहे रिहाई कि मांग
कालीचरण को रिहा किए जाने की मांग भी तेज हो चुकी है। लगभग हर दिन रायपुर, महाराष्ट्र और MP में उनके समर्थक उन्हें रिहा करने की मांग का ज्ञापन, राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के नाम सौंप रहे हैं। ट्वीटर पर भी अभियान चलाया जा रहा है। रविवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने साफ कहा है कि भाजपा उन्हें रिहा कराने में सहयोग करेगी। कोर्ट की प्रक्रिया में भी कालीचरण के बचाव में खड़े वकील, भाजपा समर्थित ही नजर आते हैं।
इस वजह से जेल में कालीचरण
कालीचरण ने 26 दिसंबर को रायपुर की धर्म संसद में कहा था 1947 में मोहनदास करमचंद गांधी ने उस वक्त देश का सत्यानाश किया। नमस्कार है नाथूराम गोडसे को, जिन्होंने उन्हें मार दिया। विवादित बयानों को देखकर पहले धारा 294, 505(2) के तहत मामला दर्ज हुआ था। अब धारा राजद्रोह के मामले में 153 A (1)(A), 153 B (1)(A), 295 A ,505(1)124A केस दर्ज है।
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