रायपुर स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट-ACI के डॉक्टरों ने लेजर एंजियोप्लास्टी का अपनी तरह का पहला प्रयोग किया है। इसमें हार्ट अटैक के एक मरीज को तुरंत राहत पहुंचाई गई। यह हार्ट अटैक युवक की बांह में एक नस के भीतर खून का थक्का जमने की वजह से आया था।
डॉक्टरों ने बताया, एक 30 वर्षीय युवक मंगलवार सुबह एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट-ACI पहुंचा था। उसे हार्ट अटैक आया था। तुरंत एंजियोग्राफी करने पर पता चला, खून का बहुत सारा थक्का उसके हाथ की एक प्रमुख नली को पूरी तरह से बंद किए हुए है। IVUS यानी हृदय की नस के अंदर की सोनोग्राफी से यह पता चला कि यह रुकावट सिर्फ खून के थक्के के कारण है और इसमें नस का कोई ब्लॉकेज नहीं है। युवक की कम उम्र देखते हुए उसे खून के थक्के को लेजर द्वारा भाप बनाने का निर्णय लिया गया। यह प्रक्रिया मात्र आधे घंटे के समय में पूरी की गई।
उस युवक की बंद नली पूरी तरह खुल गई और उसमें रक्त का पूरा संचार होने लगा। इसके साथ ही हार्ट अटैक के जो ECG में आए परिवर्तन थे वह भी ठीक हो गए। यह प्रक्रिया सफल हुई और युवक के हृदय को और जीवन को नुकसान होने से बचा लिया गया। इस इमरजेंसी लेजर एंजियोप्लास्टी में प्रोफेसर डॉ. स्मित श्रीवास्तव के साथ डॉ. जोगेश, डॉ. आनंद, डॉ. गोपेश, डॉ. प्रतीक और नर्सेज बुद्धेश्वर, पूर्णिमा, टेक्नीशियन आई पी वर्मा, खेम सिंह, महेंद्र साहू, अश्वितिन साहू और जितेंद्र चलकर शामिल थे।
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