छत्तीसगढ़ में बीते 10 मई से शराब की होम डिलीवरी की जा रही है। अब स्थिति ये है कि 3-4 दिनों की देरी के बाद भी लोगों को शराब नहीं मिल रही, जबकि 4 से 5 घंटे में डिलीवरी का वादा था। अब दुकानों के बाहर लोगों की भीड़ जुट रही है। शराब का ऑनलाइन सिस्टम अब अव्यवस्था की वजह से लाइन सिस्टम में तब्दील हो चुका है।
दुकान के बाहर संघर्ष
शहर के विवेकानंद आश्रम के पास की शराब दुकान का जायजा लेने पर यहां बाहर बोतल लेने वालों को भीड़ दिखी। कैमरे पर कोई कुछ कहने को राजी नहीं था, मगर एक व्यक्ति ने बताया कि ऑर्डर किए हुए 4 दिन हो चुके हैं, उसके खाते से 2 हजार रुपये कट चुके हैं। इसलिए अब वो दुकान के बाहर ही आकर यहीं बोतल दे देने की मिन्नत कर रहे हैं।
चौराहों पर डिलीवरी
शराब पीने वालों की परेशानी का अंदाजा लगाइए कि ऑर्डर करने के बाद खातों से हजारों रुपये कट जाने के बाद भी ये दर-दर भटक रहे हैं। दुकान से बैग भरकर जो डिलीवरी ब्वॉय बोतल लेकर निकल रहा है वो किसी नजदीक के चौराहे पर रुककर डिलीवरी कर रहा है। इससे यहां भी पीने वालों का जमघट लग रहा है।
मंत्री लखमा बोले- कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं देना है
शराब डिलीवरी में अव्यवस्था की शिकायत आबकारी मंत्री कवासी लखमा तक पहुंची। शनिवार को उन्होंने सुकमा जिला मुख्यालय स्थित एनआईसी कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जिलों के आबकारी अधिकारियों की वर्चुअल बैठक ली। मंत्री लखमा ने कहा कि शासन द्वारा शराब की निर्धारित शुल्क, डिलीवरी चार्ज और जीएसटी के अलावा किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क ग्राहकों से नहीं लिया जाना चाहिए। ग्राहकों को आर्डर में कोई परेशानी न हो। ग्राहकों द्वारा जिस दिन आर्डर किया जाता हो, उसी दिवस पर उन्हें शराब की डिलीवरी करने के निर्देश दिए।
तो अफसरों पर होगी कार्रवाई
बैठक में मंत्री लखमा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने और राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से ही शराब के होम डिलीवरी का निर्णय लिया गया है। इस काम में किसी भी प्रकार की लापरवाही या गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जिन जिलों में शराब की होम डिलीवरी में परेशानी आ रही हों, वहां आवश्यकतानुसार वाहन एवं कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर विचार करें। होम डिलीवरी करने वाले कर्मचारियों को आवश्यक रूप से कोविड टीका लगाने और समय-समय पर कोरोना जांच करने के भी निर्देश दिए गए।
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