प्रदेश में पिछले 10 साल में एमबीबीएस की सीटें 5 गुना से ज्यादा बढ़ गई हैं। 2013 में एमबीबीएस की केवल 400 सीटें थीं, जिसमें तीन सरकारी कॉलेजाें में कुल सीटें 300 थीं। अब एमबीबीएस की कुल सीटें बढ़कर 2020 पहुंच गई है। इनमें सरकारी कॉलेजों में 1570 सीटें हैं। निजी कॉलेजों में 450 सीटों पर एडमिशन दिया जा रहा है। कॉलेजों की संख्या भी 4 से बढ़कर अब 13 हो गई है। कॉलेज व सीटें बढ़ने का फायदा छात्रों को हुआ है। कट आफ गिरने से ज्यादा से ज्यादा नीट यूजी क्वालिफाइड छात्रों का एडमिशन होने लगा है।
प्रदेश में मेडिकल काॅलेजाें की संख्या लगातार बढ़ रही है। जब 1 नवंबर 2000 में प्रदेश का गठन हुआ, तब केवल रायपुर में मेडिकल कॉलेज था। यहां एमबीबीएस की केवल 100 सीटें थी। इसके बाद सिम्स बिलासपुर व जगदलपुर में मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ और सीटों की संख्या 100 से बढ़कर 300 हो गई। पिछले दो साल में 5 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं, जिसमें एक निजी है। इन कॉलेजों में एमबीबीएस की 650 नई सीटें मिली हैं।
नए सरकारी कॉलेज कतार में
कवर्धा, जांजगीर, गीदम व मनेंद्रगढ़ में सरकारी कॉलेज। एनएमसी को अभी प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। भिलाई में एक निजी कॉलेज। एनएमसी कर चुकी है निरी क्षण। कट ऑफ मार्क्स 695 से गिरकर 675 पर : पहले की तुलना में कट आफ मार्क्स भी गिरा है। पहले जहां प्रदेश के सबसे टॉप नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर मंे यूआर में 695 अंक में एडमिशन होता था। वहीं 2022-23 में कट आफ गिरकर 675 पर आ गया। हालांकि यह आल इंडिया टॉपर के स्कोर पर निर्भर करता है कि 100 परसेंटाइल के लिए कितना स्कोर होगा।
3 गुना बढ़े नीट यूजी देने वाले छात्र
10 साल की तुलना में नीट यूजी देने वाले छात्र भी साढ़े तीन गुना बढ़ गए हैं। हालांकि नीट पिछले 6 साल से हो रहा है। इसके पहले एआईपीएमटी व सीजी पीएमटी होती थी। 2013 में महज एक हजार के आसपास प्रदेश के छात्र नीट देते थे। अब इसकी संख्या साढ़े 3 हजार से ऊपर पहुंच गई है। रिटायर्ड डीन डॉ. सीके शुक्ला व सीनियर आंको सर्जन व मेडिकल एक्सपर्ट डॉ. युसूफ मेमन के अनुसार सरकारी सीटें बढ़ने से न केवल मध्यम व जरूरतमंद छात्रों को एमबीबीएस करने का मौका मिल रहा है, बल्कि प्रदेश में ज्यादा डॉक्टर बनकर निकल रहे हैं। 7 मई को होने वाली नीट में छात्रों की संख्या बढ़कर 4 हजार पहुंच सकती है।
"सभी जगह जमीन की तलाश लगभग पूरी हो चुकी है। सीटें बढ़ने से कट आफ मार्क्स गिरा है। आगे भी गिरने की संभावना है।"
-डॉ. विष्णु दत्त, डीएमई छग
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