कांग्रेस की हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा की तैयारियां तेज हो रही हैं। कांग्रेस ने 23 दिसम्बर को कांग्रेस के सभी प्रदेश प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं की बैठक बुलाई है। इसमें यात्रा की तैयारियों की बावत चर्चा होनी है। इससे पहले 19 दिसम्बर को रायपुर में प्रस्तावित प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में इस यात्रा की रूपरेखा तय करने के लिए बैठक होनी है।
प्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री अमरजीत चावला ने बताया, "राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को पत्र लिखकर इस बैठक की जानकारी दी है। इस बैठक में हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा के साथ कुछ और मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।' हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा को 26 जनवरी से शुरू करने की घोषणा हुई है। उसके बाद से ही संगठन में शीर्ष स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक 19 दिसम्बर को होने वाली है। इसमें भी हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा की तैयारी और रूपरेखा एक मुख्य विषय के तौर पर शामिल है।
कांग्रेस की ओर से बताया गया, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की अध्यक्षता में प्रदेश कार्यकारिणी की यह बैठक राजीव भवन में दोपहर 12 बजे होनी है। इसमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और छत्तीसगढ़ सह प्रभारी डॉ. चंदन यादव और सह प्रभारी सप्तगिरी शंकर उलका भी शामिल होने वाले हैं। इस बैठक में प्रदेश कार्यकारिणी, जिला, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं मोर्चा, संगठन, प्रकोष्ठ विभाग के प्रदेश अध्यक्षों को शामिल होना है।
भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर होगी यह यात्रा
कांग्रेस ने 26 जनवरी से "हाथ से हाथ जोड़ो' यात्रा शुरू करने की घोषणा कर दी है। इसे भी भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर ही निकाला जाएगा। यात्रा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बूथों को जोड़ेगी। हर जिले में एक अधिवेशन होगा। अंत में एक बड़ी रैली का आयोजन कर इस यात्रा का समापन प्रस्तावित है। इस यात्रा का रास्ता कौन सा होगा और उसको कैसे पूरा किया जाएगा, इसका खाका बन रहा है।
फरवरी के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय अधिवेशन
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमेटी की पहली बैठक में पार्टी का 85वां राष्ट्रीय अधिवेशन रायपुर में आयोजित करने का फैसला हुआ था। यह छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए पहला अवसर है जब उनको इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी मिली है। अधिवेशन के दौरान यहां करीब 10 हजार प्रतिनिधि रायपुर पहुंचने वाले हैं। ऐसे में इसकी तैयारियां एक महीने पहले ही शुरू करनी होगी।
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