केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने अभी तक छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री को धान संकट पर बात करने के लिए मुलाकात का मौका नहीं दिया है। दिल्ली में आयोजित खाद्य मंत्रियों की राष्ट्रीय बैठक में मौका मिला तो खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने यह मुद्दा उठा दिया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से बारदाने की पर्याप्त आपूर्ति और केंद्रीय पूल में उसना चावल लेने का आग्रह किया है।
नई दिल्ली में मंगलवार को कम्यूनिटी किचन पर चर्चा के लिए सभी प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों की बैठक बुलाई गई थी। छत्तीसगढ़ की ओर से खाद्य मंत्री अमरजीत भगत इसमें शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने धान खरीदी के मौजूदा संकट का मुद्दा उठाया।
अमरजीत भगत ने केन्द्रीय खाद्य मंत्री को बताया, इस साल धान खरीदी के लिए छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार ने 2 लाख 14 हजार गठान जूट बारदाना देने की सहमति दी है। अभी तक मात्र 1 लाख 31 हजार गठान बारदाने की ही आपूर्ति की गई है। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष एक करोड़ पांच लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है।
अब तक 37 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की जा चुकी है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था के सुचारु संचालन के लिए 31 दिसंबर से पहले छत्तीसगढ़ को शेष 83 हजार गठान बारदाने उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
प्लास्टिक बारदाने में चावल देने की अनुमति मांगी
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने केन्द्रीय मंत्री से कहा, नए जूट बारदानों की सीमित आपूर्ति होने के कारण भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा कराए जाने में समस्या उत्पन्न होने की आशंका है। भारतीय खाद्य निगम, नए जूट बारदानों में ही चावल ले रहा है। नए जूट बारदानों की कमी को ध्यान मे रखते हुए HDPE बारदाने में भी FCI में चावल जमा कराए जाने का आग्रह किया।
उसना चावल लेने का आग्रह वहां भी दोहराया
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने उसना चावल केंद्रीय पूल में लेने का आग्रह वहां भी दोहराया। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में चावल की कई किस्में अरवा मिलिंग के लिए उपयुक्त नहीं है। राज्य में 416 उसना मिलें संचालित हैं, जिसकी मिलिंग क्षमता का उपयोग धान के निराकरण में आवश्यक है। 23 लाख टन उसना चावल लेने का आग्रह केंद्र सरकार को भेजा गया है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से उसना चावल लेने का अनुरोध किया।
कम्यूनिटी किचन पर भी सुझाव दिए
बैठक में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों की भोजन व्यवस्था के लिए कम्यूनिटी किचन संचालन के संबंध में भी सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि उचित मूल्य के दुकान के माध्यम से एक ही छत के नीचे किचन के लिए सभी आवश्यक वस्तुओं का भंडारण और विक्रय के किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। इससे उपभोक्ताओं को सहूलियत होगी और वह रियायती दर पर अपने दैनिक उपयोग की सामग्री प्राप्त कर सकेंगे।
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