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अंबेडकर अस्पताल के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट(एसीआई)में 15 जनवरी से बाईपास सर्जरी शुरू करने के पहले मॉकड्रिल की जाएगी। ऑपरेशन टेबल पर मरीज के रूप में स्वास्थ्य कर्मी को लिटाया जाएगा। सर्जन-डाक्टर के साथ पैरामेडिकल स्टाफ ऑपरेशन थियेटर में पूरी तरह से तैयार होकर आएगा। एक-एक उपक्रम बिलकुल वैसा किया जाएगा जैसे किसी की सर्जरी के दौरान किया जाता है। मॉकड्रिल के दौरान खामियों को परखा जाएगा। उसे सर्जरी के पहले दूर कर लिया जाएगा।
शनिवार को बायपास सर्जरी के लिए दो मरीजों को भर्ती भी कर लिया गया है। एसीआई में सर्जरी शुरू होने की सूचना पाकर दोनों मरीज ओपीडी में जांच करवाने पहुंचे थे। जांच के बाद उन्हें सर्जरी करवाने की सलाह दी गई। दोनों मरीज इसके लिए राजी हो गए। उसके बाद उन्हें भर्ती कर लिया गया। डाक्टरों ने बताया कि सर्जरी के पहले मॉकड्रिल की जाएगी ताकि ऑपरेशन करते समय किसी तरह की दिक्कत न हो।
रिहर्सल के दौरान ये देखा जाएगा कि मशीनें ठीक काम कर रही हैं या नहीं? कार्डियक सर्जन के अलावा एनेस्थेटिस्ट, परफ्यूजिनिस्ट या फिजिशियन असिस्टेंट केस के दौरान किस तरह त्वरित गति से सर्जरी में मदद करेंगे? इसकी तैयारी भी मॉकड्रिल के दौरान परखी जाएगी। यही वजह से है रिहर्सल को लेकर पूरी गंभीरता बरतने का फैसला किया गया है, ताकि हर तरह की कमी अभी सामने आ जाए। एस्कार्ट हार्ट सेंटर बंद होने के बाद एसीआई में पहली बायपास सर्जरी होने जा रही है।
इसलिए पूरी प्रक्रिया की रिहर्सल करने का निर्णय लिया गया है। स्टाफ नर्स को भी जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं। प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में यह पहली बायपास व ओपन हार्ट सर्जरी होगी। सर्जरी के दौरान मरीज क्रिटिकल होते हैं इसलिए कार्डियक आईसीयू में कुशल स्टाफ का चयन किया गया है। यही नहीं उन्हें तेजी से मरीज की देखभाल करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। ताकि किसी भी विषम परिस्थितियों का सामना किया जा सके।
वेटिंग लिस्ट वाले मरीजों ने करवा लिए ऑपरेशन
एसीआई में भले ही ऑपरेशन बंद थे, लेकिन रजिस्टर में मरीजों के नाम लिखकर वेटिंग लिस्ट बनायी जा रही थी। अब एसीआई जब सर्जरी के लिए पूरी तरह से तैयार है, तब रजिस्टर में वेटिंग लिस्ट के अनुसार मरीजों को फोन कर सूचना दी जा रही है।
पिछले दो दिन में 100 से ज्यादा मरीजों को कॉल किया गया। उनमें 70 फीसदी ने बताया कि उन्होंने कहीं और ऑपरेशन करवा लिया है, जबकि बाकी 30 फीसदी के मोबाइल नंबर बंद मिले। डाक्टरों का कहना है कि अभी कुछ नाम और वेटिंग लिस्ट में हैं। उन्हें फोन कर संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
कई गंभीर सर्जरी हो चुकी : एसीआई में दिल के ऑपरेशन को छोड़कर कई गंभीर सर्जरी की जा रही है। फेफड़े व खून की नसों की सर्जरी कर कई क्रिटिकल मरीजों की जान बचाई गई है। एक युवक 42 दिनों वेंटीलेटर में रहने के बाद ठीक हुआ था।
इसमें डॉक्टरों के अलावा नर्सिंग स्टाफ की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही। डॉक्टरों को भी विश्वास है कि बायपास व ओपन हार्ट सर्जरी के बाद मरीजों का मैनेजमेंट बेहतर तरीके से हो पाएगा। अंबेडकर की नर्सों को आईसीयू में काम करने का पहले से अनुभव है इसलिए वे क्रिटिकल मरीजों का बेहतर मैनेजमेंट कर पाएंगे।
इधर-उधर भटकने से मिलेगी राहत
एसीआई शुरू होने के तीन साल बाद बायपास व ओपन हार्ट सर्जरी शुरू होने से उन मरीजों को फायदा होगा, जो पैसे के अभाव में इधर-उधर भटकते रहते हैं। गरीबी रेखा के नीचे वाले मरीजों का डॉ. खूबचंद बघेल योजना के तहत फ्री सर्जरी होगी। जो पैसे देकर सर्जरी करवाना चाहते हैं, उन्हें सवा लाख रुपए खर्च करना होगा। निजी में दो से ढाई लाख रुपए खर्च होता है।
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