• Hindi News
  • Local
  • Chhattisgarh
  • Raipur
  • Monsoon Knock At The Chhattisgarh Durg : Dense Clouds Camp In 12 Districts Of The South In Chhattisgarh, The Earth Will Get Wet Till Surguja In 8 10 Days

आ गया मानसून...छा गया मानसून:छत्तीसगढ़ में दक्षिण के 12 जिलों में घने बादलों का डेरा, 8-10 दिनों में सरगुजा तक होगी बारिश

रायपुर/जगदलपुरएक वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक

वेलकम मानसून, तस्वीर बस्तर की है जहां सबसे पहले पहले मानसून आता है। इस बार 15 जून की शाम ये बादल यहां पहुंचे। तेज बारिश की बौछारें पड़ने लगीं। रात भर में ये बादल दक्षिण छत्तीसगढ़ के 12 जिलों पर छा गए हैं। उनकी उत्तरी सीमा दुर्ग शहर है। यहां से चलकर अब बादल पूरे प्रदेश में छा जाएंगे और राहत की बारिश होने लगेगी।

मौसम विज्ञान विभाग ने बताया, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून उत्तर अरब सागर, गुजरात राज्य, पूरे मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कुछ और हिस्सों, दक्षिण मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़ कुछ हिस्सों में आगे बढ़ गया है। मानसून की उत्तरी सीमा पोरबंदर, भावनगर, खंडवा, गोंदिया, दुर्ग, भवानीपटना, कलिंगपट्टनम, बालुरघाट और सुपौल तक है।

बुधवार से ही बस्तर में बरसात हो रही है।
बुधवार से ही बस्तर में बरसात हो रही है।

उत्तर अरब सागर, गुजरात राज्य, मध्य प्रदेश, विदर्भ के शेष हिस्सों, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और छत्तीसगढ़ के कुछ और हिस्सों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, दक्षिण छत्तीसगढ़ में कल कई स्थानों पर भारी बारिश के बाद मानसून डिक्लेयर हुआ है। अगले कुछ दिनों में मानसून रायपुर हाेते हुए अंबिकापुर तक के हिस्सों पर पूरी तरह छा जाएगा।

मौसम विभाग के इस मानचित्र में छाया वाले हिस्सों में मानसून सक्रिय हो चुका है।
मौसम विभाग के इस मानचित्र में छाया वाले हिस्सों में मानसून सक्रिय हो चुका है।

छत्तीसगढ़ के लिए यह सामान्य समय

छत्तीसगढ़ में मानसून की शुरुआत सामान्य तौर पर 15-16 जून से माना जाता है। पिछले साल यह 6 दिन पहले ही यानी 9-10 जून की रात में ही रायपुर तक पहुंच गया था। प्रदेश के आधे से अधिक हिस्सों में जोरदार बारिश के साथ मानसून की घोषणा हुई थी। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है, छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए समय से मानसून का आना और सामान्य रहना बड़ी राहत है। यहां खरीफ के फसलों का बड़ा रकबा बरसात पर ही निर्भर है। एक फसली इलाकों में यह बरसात अच्छी फसल की उम्मीद बढ़ाएगा।

कैसे तय होता है कि यह मानसून ही है

मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, इसके लिए तीन-चार चीजें जरूरी है। पहला यह कि क्षेत्र के 60% से अधिक मौसम केंद्रों पर दो दिनों से 2.5 मिमी लगातार बरसात दर्ज हुई हो। दूसरा, पश्चिमी हवा की गहराई कम से कम तीन किलोमीटर तक हो। तीसरा, क्षेत्र में लगातार बादल छाए हुए हों और चौथा क्षेत्र की हवा में नमी की मात्रा अधिक ऊंचाई तक बढ़ी हुई हो। ऐसी परिस्थितियों में सामान्य तौर पर मानसून घोषित किया जाता है।

यह तस्वीर बस्तर की है। आज दोपहर वहां कुछ ऐसे मेघ छाए हैं।
यह तस्वीर बस्तर की है। आज दोपहर वहां कुछ ऐसे मेघ छाए हैं।

छत्तीसगढ़ में बरसे बादल:जगदलपुर में 32 मिमी बरसात हुई, रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर, सहित कई जिलों में मिली गर्मी से राहत

खबरें और भी हैं...