वैश्विक महामारी कोरोना का संकट अभी बने रहने की आशंका है। इस बीच उससे बचाव के उपायों पर काम जारी है। अब छत्तीसगढ़ के स्कूलों में भी बच्चों को कोरोना महामारी और उससे बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक सप्ताह गुरुवार का दिन तय किया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इस कार्यक्रम को 'सुरक्षित गुरुवार' नाम दिया है।
शिक्षा विभाग ने यह कार्यक्रम यूनिसेफ के सहयोग से तैयार किया है। ‘सुरक्षित गुरुवार‘ गतिविधियों पर आधारित 17 सप्ताह का एक कार्यक्रम है। इसे कक्षा 1 से 5 तथा कक्षा 6 से 12 के लिए अलग-अलग बनाया गया है। इसमें प्रत्येक गुरुवार को 15-20 मिनट तक सभी स्कूलों में कोविड-19 संबंधित विभिन्न विषयों जैसे हाथ धुलाई, मास्क का सही उपयोग, टीकाकरण आदि पर गतिविधियां होंगी। शिक्षकों की सुविधा के लिए इसको वीडियो फॉर्म में भी बनाया गया है। कोशिश यह है कि प्रदेश के सभी स्कूलों में ये गतिविधियां एक समान संचालित हों।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा, कोरोनाकाल में स्कूल बंद हुए और बच्चे घरों में कैद हो गए। बच्चों के लिए यह अत्यंत कठिन दौर था। इन परिस्थितियों में बच्चे सुरक्षित व्यवहार से अपने आपको और परिवार को सुरक्षित कैसे रखें, इसको ध्यान में रखकर यह कार्यक्रम बनाया गया है। 'सुरक्षित गुरुवार' में प्रत्येक गुरुवार को आधा घंटा महामारी से बचाव के तरीके एवं सुरक्षित व्यवहार को लेकर शालाओं में कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा, यह कार्यक्रम भविष्य में भी ऐसी महामारी की स्थिति में बच्चों को तैयार रखेगा।
छत्तीसगढ़ में अभी 3.78% है कोरोना संक्रमण दर
छत्तीसगढ़ में कोरोना की वजह से व्यापक नुकसान हुआ है। मार्च 2020 से अब तक 11 लाख 56 हजार 159 लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 14 हजार 43 लोगों की जान चली गई। 10 जुलाई को भी प्रदेश में कोरोना के 110 नए मामले सामने आए हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर 3.78% तक पहुंच गई है। तीसरी लहर के बीत जाने के बाद यह अब तक की सबसे ऊंची संक्रमण दर है। अभी प्रदेश के एक हजार 466 कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है।
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