तीन महीने से धरने पर बैठे नया रायपुर क्षेत्र के किसानों को NRDA (नवा रायपुर विकास प्राधिकरण) ने बिजली चोरी का नोटिस दिया है। आरोप लगाया गया है कि आंदोलनकारी NRDA कार्यालय के पैनल से बिजली लेकर धरना स्थल पर बल्ब और लाउडस्पीकर चला रहे हैं। यह काम प्राधिकरण की संपत्ति के दुरुपयोग और चोरी की श्रेणी में आता है। इस नोटिस के बाद किसान भड़के हुए हैं।
एनआरडीए के कर्मचारी बुधवार को आंदोलन पंडाल की बिजली काटने पहुंचे थे। यह देखकर वहां बैठे किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया। भारी विरोध के बाद कर्मचारी वापस लौट गए। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने बताया, एनआरडीए के कर्मचारी मंगलवार रात को नोटिस लेकर आए थे। उनका कहना था, हम लोग चोरी से बिजली जला रहे हैं।
समिति ने वह नोटिस लेने से इनकार कर दिया। बुधवार को एनआरडीए के कर्मचारी बिजली काटने पहुंच गए। धरने पर मौजूद किसानों, युवाओं और महिलाओं ने इसका तीखा विरोध किया। उसके बाद वे कर्मचारी वहां से लौट गए। फिलहाल नोटिस की भाषा को लेकर सभी 27 गांवों के किसान भड़के हुए हैं।
हमारे खेत वापस करे एनआरडीए, हम पैसा लौटाने को तैयार
किसान नेता रूपन चंद्राकर ने कहा, हमने एनआरडीए अफसरों काे कह दिया है कि यह आंदोलन उनकी नीतियों की वजह से है। आप बिजली काटोगे तो किसान उनके दफ्तर में बैठ जाएंगे। प्राधिकरण इतने लोगों के लिए भोजन और रहने की व्यवस्था कर ले। किसानों का कहना था, एनआरडीए उनके अधिगृहीत खेत-जमीन वापस कर दे, वे पैसा लौटाने को तैयार हैं।
आंदोलन के 100 दिन होने जा रहे हैं
तीन मार्च से शुरू हुआ आंदोलन अगले सप्ताह 100 दिन में प्रवेश कर जाएगा। इसके लिए आंदोलन में शामिल लोग बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। दर्जन भर से अधिक सामाजिक-राजनीतिक संगठनों ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। इस समय गांव-गांव में हो रही कथा और जसगीत के आयोजनों में आंदोलन के समर्थन में बात होने लगी है। इस आंदोलन में अब तक एक किसान की जान भी जा चुकी है।
इन मांगों पर अब भी अड़े हैं किसान
ये भी पढ़ें...
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.