छत्तीसगढ़ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की पदोन्नति का मामला एक बार फिर उलझता नजर आ रहा है। राज्य सरकार ने एक दिन पहले ही 235 स्नातक ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की पदोन्नति के आदेश जारी किया था। अधिकारी संघ ने इसे हाईकोर्ट के आदेश के विरुद्ध बताते हुए 6 जून को उच्च न्यायालय की शरण में पुनः जाने की बात कही है।
संघ के प्रांतीय अध्यक्ष एमपी आड़े एवं तृतीय वर्ग कर्मचारी संध प्रांतीय अध्यक्ष विजय कुमार झा ने बताया है कि पदोन्नति नियम में वरिष्ठता सह उपयुक्तता के विपरीत केवल योग्यता के आधार पर स्नातक अधिकारियों को कृषि विकास अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया गया है। गैर-स्नातक लेकिन पदोन्नति प्राप्त कृषि विकास अधिकारियों से 8-10 वर्षों से वरिष्ठों को पदोन्नति से वंचित कर दिया गया है। स्वयं विभाग द्वारा 4 दिसंबर 2018 को किए गए संशोधन को दरकिनार कर मात्र कृषि स्नातक योग्यताधारियों को ही पदोन्नत किया गया। संघ के नेताओं ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की धमकी दी है।
वन विभाग में पदोन्नति: उमादेवी, मुरुगन पीसीसीएफ बनेंगे
प्रदेश के डेढ़ दर्जन आईएफएस अफसर जून महीने में पदोन्नत होने वाले हैं। इस कड़ी में सीनियर एपीसीसीएफ जेईसी राव को रिटायरमेंट से पहले पदोन्नति मिल सकती है। इनके साथ बीवी उमादेवी और के मुरुगन पीसीसीएफ के पद पर पदोन्नत होंगे। केन्द्र सरकार ने पीसीसीएफ (प्रधान मुख्य वनसंरक्षक) के एक रिक्त पद पर पदोन्नति प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इसके अलावा एपीसीसीएफ (अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक) के एक पद पर पदोन्नति प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है। यहीं नहीं, सीएफ से सीसीएफ के तीन और डीएफओ से सीएफ के पद पर पदोन्नति के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी गई है। कुल मिलाकर दस सीनियर डीएफओ, सीएफ के पद पर पदोन्नत होंगे। वन मुख्यालय में इसकी हलचल शुरू हो गई है।
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