रायपुर पुलिस ने मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है। साल 2015 में इसने रायपुर में चिटफंड कंपनी का एक दफ्तर खोला और लोगों को लुभावनी स्कीम में पैसे डबल होने का लालच दिया। उसने लोगों से 2 करोड़ रुपए हड़प लिए। इसके बाद आरोपी अपने साथियों के साथ दफ्तर बंद कर फरार हो गया था। ठगी के रुपए से आरोपी शहडोल में ठाठ की जिंदगी जी रहा था, मगर अब पुलिस का हाथ इसके गिरेबान तक जा पहुंचा है।
सोमवार को रायपुर की पुलिस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस कार्रवाई की जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि मध्यप्रदेश से गिरफ्तार हुए शख्स का नाम मृगेंद्र सिंह बघेल है। वो साईं प्रकाश प्रॉपर्टीज डेवलपमेंट नाम की चिटफंड कंपनी चला रहा था। इसमें उसने अपने ही परिवार के लोगों को डायरेक्टर बना रखा था। रायपुर के जीई रोड स्थित मारुति बिजनेस पार्क में इसने आलीशान ऑफिस भी बना रखा था।
आरोपी के खिलाफ बीजापुर, रायगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा, जांजगीर-चांपा और धमतरी के अलावा देश के दूसरे राज्यों में भी ठगी के मामले दर्ज हैं। उन जगहों की पुलिस भी मृगेंद्र सिंह की तलाश में जुटी थी। साल 2015 से रायपुर की पुलिस को आरोपी की तलाश थी। तब से शहडोल जाकर आरोपी रेत ठेकेदार बन बैठा था।
ऐसे हुआ गिरफ्तार
चिटफंड में धोखाधड़ी करने वाले लोगों की गिरफ्तारी, राज्य सरकार का चुनावी वादा था। पुलिस इसे लेकर एक्शन मोड में है। आजाद चौक थाने के इंस्पेक्टर रवि शंकर तिवारी को मृगेंद्र सिंह बघेल के मध्यप्रदेश में छिपे होने का इनपुट मिला। अफसरों ने फौरन एक टीम शहडोल रवाना की। इस टीम में कॉन्स्टेबल आशीष त्रिवेदी, धनंजय, आशीष और राजा देवांगन शामिल थे। दो-तीन दिनों तक इस टीम ने मृगेंद्र के गांव सेमरपाखा जाकर उस पर नजर रखी।
बिना यूनिफार्म के कुछ पुलिसकर्मी रेत के ग्राहक बनकर मृगेंद्र सिंह बघेल के पास पहुंचे। उन्होंने बताया कि एक बड़े कंस्ट्रक्शन एरिया में लाखों की रेत की जरूरत है और उन्हें डील को लेकर कुछ बातें करनी है। अगले दिन दूसरी जगह पर टीम ने मृगेंद्र को मिलने बुलाया। वहां पहले से ही दूसरे पुलिसकर्मी छिपे बैठे थे, जैसे ही मृगेंद्र पहुंचा, उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अब इससे 2 करोड़ रुपए वसूले जाएंगे।
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