धान खरीदी के मुद्दे पर केंद्रीय खाद्य मंत्री से मुलाकात का समय नहीं मिलने को लेकर सूबे की राजनीति गरमा रही है। मुख्यमत्री भूपेश बघेल इस अनदेखी पर भड़के हुए हैं। मंगलवार को उन्होंने कहा, केंद्रीय मंत्रियों का घमंड सातवें आसमान पर है। इसका मतलब है कि ये लोग अब जाने वाले हैं।
रायपुर हवाई अड्डे पर प्रेस से बातचीत में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, प्रजातंत्र में अलग-अलग दल की सरकारें रही हैं। राज्य के मंत्रियों से मिलना, मुख्यमंत्री से बात करना सामान्य परंपरा है। राज्य के मंत्रियों को मिलने का समय न देना ऐसा है कि उनके जाने के दिन आ गए हैं। अगर आपको राज्य के मंत्रियों से भी मिलने का समय नहीं है तो आपका घमंड सातवें आसमान पर है। जनता इसे देख रही है।
हिमाचल, हरियाणा और कर्नाटक की जनता ने सबक सिखाया है। तीन चुनावों में ये हारे हैं तो पेट्रोल-डीजल की कीमत 5 रुपए कम हुई है। पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। अगर इसमें निपटे तो समझ लीजिए कि पेट्रोल और डीजल के दाम 2014 से पहले की स्थिति में आ जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो दिन के प्रवास पर उत्तरप्रदेश के बांदा गए हैं। वे वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों के साथ बैठक कर 23 नवंबर को प्रस्तावित प्रतिज्ञा यात्रा की तैयारियों का जायजा लेंगे।
इस्पात मंत्री नहीं उठा रहे हैं फोन
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह पर अपनी अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों से 2020 में वेतन समझौता हुआ था। उम्मीद थी कि दिवाली तक उसका फायदा मिल जाएगा। लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। वे खुद तीन-चार बार केंद्रीय इस्पात मंत्री को फोन कर चुके। वे फोन भी नहीं उठा रहे। कॉल बैक भी नहीं कर रहे।
इतिहास पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया
मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं पर इतिहास पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, इनका इतिहास का ज्ञान कितना है, इससे समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री जी बिहार जाते हैं और तक्षशिला को बिहार में बता देते हैं। जबकि वह पाकिस्तान में चला गया है।
वे गोरखपुर जाते हैं तो कहते हैं कि गुरु गोरखनाथ जी और कबीरदास जी सत्संग किया करते थे। वे ऐसी बात करके केवल लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, इतिहास में जो कुछ हुआ उससे सीखा जाना चाहिए। उससे आगे बढ़ना चाहिए। अगर हम इतिहास में जीएंगे तो वर्तमान को खो देंगे।
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