छत्तीसगढ़ की राजधानी में चल रहे सरकारी फिजियोथैरेपी कॉलेज के स्टूडेंट्स हड़ताल पर हैं। ये न तो कॉलेज जा रहे हैं ना ही ओपीडी में अपना कोई सहयोग कर रहे हैं। अब इनकी एक ही जिद है जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती, ये कॉलेज के बाहर बैठकर आंदोलन करते रहे हैं। शुक्रवार को रैली निकालकर ये छात्र स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बंगले जाने के लिए निकले। पुलिस कंट्रोल रूम के पास ही पुलिस ने इन्हें रोक लिया। कुछ देर सड़क पर बैठकर छात्र धरना देने लगे।
काफी देर तक हंगामे और नारेबाजी के बाद छात्र वापस कॉलेज आए। स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से सभी छात्रों को प्रतिनिधि मंडल भेजकर बात करने को कहा गया है। स्टूडेट्स ने एक लैटर भी मंत्री के पास जमा करवाया है। ये पत्र छात्र-छात्राओं ने अपने खून से लिखा। इसमें हॉस्टल, स्टाइपेंड और पढ़ाई में आ रही दूसरी दिक्कतों की मांगें लिखी गईं। कॉलेज में पढ़ने वाली स्टूडेंट दिशा ने बताया कि स्याही से लिखी बातें जिम्मेदार समझ ही नहीं रहे, हम लंबे वक्त से इन मांगों के साथ शिकायत कर रहे थे, जानकारी अफसरों को दे रहे थे मगर कोई एक्शन नहीं लिया गया।
इन मांगों के लिए संघर्ष
बता दें कि शासकीय फिजियोथेरेपी कालेज में हॉस्टल, कालेज में खुद की ओपीडी, स्टाइपेंड बढ़ाने और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स शुरू करने के वर्षों पुरानी मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि अव्यवस्था के बीच जैसे-तैसे पढ़ाई कर रहे हैं। इसे लेकर छात्रों ने प्रभारी प्राचार्य डाक्टर रोहित राजपूत को मांग पत्र सौंपा है। प्रदेश के एक मात्र शासकीय फिजियोथेरेपी कालेज में 19 साल बाद भी आधे मैनपावर से ही काम चल रहा है। कॉलेज में 270 से अधिक स्टूडेंट प्रदेशभर से आकर पढ़ रहे हैं।
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