भास्कर एक्सक्लूसिव:राजधानी में दो फ्लाईओवर, एक अंडरब्रिज का प्लान रद्द क्योंकि कोरोना के कारण पैसे नहीं

रायपुर2 वर्ष पहलेलेखक: अमनेश दुबे
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कचना में अंडरब्रिज, हीरापुर में ओवरब्रिज और गौरवपथ का फ्लाईओवर। - Dainik Bhaskar
कचना में अंडरब्रिज, हीरापुर में ओवरब्रिज और गौरवपथ का फ्लाईओवर।

कोरोना की वजह से हुई बजट कटौती का असर अब राजधानी पर भी पड़ा है और शहर में दो फ्लाईओवर तथा एक अंडरब्रिज का प्लान ही कैंसिल कर दिया गया है। पीडब्ल्यूडी ने राजधानी के हीरापुर में रेलवे क्रासिंग पर फ्लाईओवर तथा कचना में अंडरब्रिज का प्रस्ताव बनाया था।

यही नहीं, गौरवपथ पर गांधी उद्यान से तेलीबांधा तालाब के दूसरे छोर तक फ्लाईओवर भी प्लान किया था। बजट की कमी की वजह से तीनों ही प्रोजेक्ट बेमुद्दत रोक दिए गए हैं और माना जा रहा है कि प्रस्ताव कैंसिल ही कर दिए गए हैं। महकमे के बाद राजधानी के लिए जो भी फंड बचा है, उससे वही प्रोजेक्ट पूरे करने का फैसला हुआ है, जिनपर काम चल रहा है लेकिन अधूरे हैं।

राजधानी के चार विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए पीडब्ल्यूडी अलग से बजट तय करता है। लेकिन 2019-20 व 2020-21 में इन विधानसभा क्षेत्रों के लिए बजट तय ही नहीं हुअा, क्योंकि विभाग के पास उतना फंड नहीं है। इसी वजह से राजधानी के चारों विधानसभा क्षेत्रों में किसी भी नए निर्माण को मंजूरी नहीं मिली है।

यह भी सवाल उठा था कि दूसरे शहरों में नए प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, तब राजधानी को बजट क्यों नहीं? इस बारे में पीडब्लूडी अफसरों का कहना है कि रायपुर में जरूरत के मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर फिलहाल है। यही नहीं, काफी काम चल भी रहा है। इन्हें पूरा करने के लिए ही बड़े बजट की जरूरत है, इसलिए यहां अब अतिरिक्त रकम खर्च नहीं की जाएगी।

कचना रेलवे क्रासिंग : आधा खर्च करने के लिए भी पैसे नहीं

राजधानी में नए निर्माण पर रोक का एक बड़ा उदाहरण कचना रेलवे क्रासिंग के अंडरब्रिज का प्लान कैंसिल होना है। इस अंडरब्रिज के लिए रेलवे ने बजट मंजूर कर दिया है। पीडब्ल्यूडी को इसके बाद अाधी रकम ही लगानी है, लेकिन विभाग के पास इतना फंड नहीं है कि वह इस अंडरब्रिज का आधा खर्च भी उठा सके।

दरअसल किसी भी क्रासिंग पर पुल बनाने के लिए राज्य शासन और रेलवे इसकी लागत को साझा करता है। रेलवे के पास पैसे हैं लेकिन पीडब्लूडी के पास नहीं हैं, इसलिए कचना रेलवे क्रॉसिंग पर अंडरब्रिज बनाने का प्रोजेक्ट फंस गया है।

बड़े बजट ने रोका प्रोजेक्ट

गौरवपथ से वीआईपी तिराहा तक प्रस्तावित फ्लाईओवर को बनाने में लगभग 400 करोड़ लगने के अनुमान थे। विभाग इतनी बड़ी राशि स्वीकृत करने तैयार नहीं है। इसके बाद इसे प्रस्ताव को टाल दिया गया। अफसरों ने बताया कि पिछली सरकार भी बड़े बजट के चलते शहर में लंबे फ्लाईओवर को नकार चुकी है। इस सरकार में कोरोना के चलते भी भारी-भरकम खर्चे को टालकर छोटे-छोटे निर्माण पर जोर दिया जा रहा है।

फ्लाईओवर के लिए केंद्र सरकारसे नहीं मिली राशि

तेलीबांधा चौक से एनएच की सड़क गुजरती है। यह हाईवे दुर्ग-भिलाई से रायपुर होते हुए उड़ीसा व आंध्रप्रदेश को जोड़ती है। शहर के बीच में आने से इसे रिंग रोड भी कहा जाता है, जबकि यह हाईवे है। चूंकि यह राष्ट्रीय राजमार्ग है, इसलिए पीडब्ल्यूडी ने इस पर बनने वाले फ्लाईओवर के लिए केंद्र से फंड मांगी गई थी।

विभागीय अफसरों ने बताया कि राजमार्ग मंत्रालय एनएच पर आने वाले सभी रेलवे क्रॉसिंग व चौक-चौराहों पर ओवरब्रिज व फ्लाईओवर बनाने के लिए पैसे देता है। इसलिए तेलीबांधा चौक से गुजरने वाले हाईवे पर भी हैवी ट्रैफिक को देखते हुए केंद्र से फंड मांगने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। लेकिन प्रस्ताव भेजने के महीनों बाद भी राजमार्ग मंत्रालय ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

बजट के लिए वित्त विभाग से चर्चा

राजधानी में पुराने काम काे प्राथमिकता से पूरा कर रहे हैं। इनके बजट के लिए वित्त विभाग से लाइनअप कर लिया गया है। यह सही है कि राजधानी में नए प्रोजेक्ट पर चर्चा नहीं हुई है। ताम्रध्वज साहू, पीडब्ल्यूडी मंत्री-छत्तीसगढ़

अधूरे काम जिनपर पूरा जोर

रायपुर में अभी छह बड़े प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। यह सभी तीन-चार साल तक पुराने हैं। स्टेशन से शदाणी दरबार हाईवे इनमें से एक है, जिसके पांचों फ्लाईओवर तोड़े जा रहे हैं। इसी तरह फाफाडीह और गोगांव रेलवे क्राॅसिंग पर अंडरब्रिज और ओवरब्रिज का काम चार साल से अधूरा है, जिसे पूरा करने के लिए पैसे लगाए गए हैं।

तेलघानी नाका चौक पर अंडरब्रिज और ओवरब्रिज तथा केनाल रोड में लालपुर के पास फ्लाईओवर का निर्माण भी अधूरा है, जिसके लिए पीडब्लूडी फंड की व्यवस्था कर रहा है। इन सभी पर मोटे तौर पर लगभग 20 करोड़ का फंड मैनेज करना होगा। संसदीय सचिव विकास उपाध्याय का कहना है कि पिछले डेढ़ साल से लोगों का स्वास्थ्य शासन की प्राथमिकता है। उम्मीद कर सकते हैं कि राजधानी के लिए जल्दी ही नए प्रोजेक्ट आएंगे।

सीआरडीसी भी रायपुर से दूर

छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम (सीआरडीसी) को बैंक से लोन लेकर राज्यभर में सड़क व पुल-पुलिया बनाना शुरू करने जा रहा है। लगभग 15 जिलों में छोटे-छोटे काम शुरू भी कर दिए गए हैं। लेकिन अभी तक राजधानी तो क्या, रायपुर जिले में ही एक भी प्रोजेक्ट सीआरडीसी के प्लान में नहीं है।

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