रायपुर नगर निगम में जोन 10 के अध्यक्ष कांग्रेस पार्षद आकाशदीप शर्मा हैं। आकाशदीप ने अपने ही जोन कार्यालय में मंगलवार को बवाल कर दिया। जोन कमिश्नर के साथ तीखी बहस करते दिखे। उंगली दिखाकर चिल्ला-चिल्ला कर दोनों आपस में बातें कर रहे थे। इस पूरे बवाल की वजह से एक आदेश है, जिसे जोन कमिश्नर ने जारी किया है।
मामला दरअसल ये है कि जोन 10 के कमिश्नर ने एक आदेश जारी किया है। पार्षद आकाशदीप के इलाके में बस्ती के मकानों को तोड़ने से जुड़े इस आदेश की वजह से विवाद है। आकाशदीप ने बताया कि कमिश्नर ने 300 मकान में रहने वाले परिवारों को निगम के कर्मचारियों के जरिए नोटिस भेजकर उनके मकान के दस्तावेज मांगे हैं। ये नोटिस न्यू भारत, कृष्णा और गुरुमुख सिंह नगर की बस्ती में भेजा गया। नोटिस में कहा गया है कि दस्तावेज जमा नहीं किए तो मकान तोड़ दिए जाएंगे या कानूनी कार्रवाई होगी।
ये नोटिस क्यों भेजा गया ये पूछने लोग पार्षद के पास पहुंचकर नाराजगी जाहिर करने लगे। पार्षद आकाशदीप के मुताबिक वो इस जोन के अध्यक्ष हैं ऐसे किसी नोटिस के बारे में अफसर ने उन्हें कोई जानकारी नहीं दी। मंगलवार को जब वार्ड के कुछ लोगों के साथ दफ्तर में जाकर पार्षद ने हंगामा किया तब भी कमिश्नर दिनेश कोसरिया ने कोई जवाब नहीं दिया।
सरकार को बदनाम करने की कोशिश
इस पूरे मामले में जोन कमिश्नर दिनेश कोसरिया ने दावा किया कि उन्होंने शासन के आदेश के बाद ये नोटिस लोगों को भेजा है। इस पर पार्षद ने कहा कि ये सरकार को बदनाम करने की कोशिश है। हमारे CM भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने साफ कह चुके हैं कि कोई बस्ती नहीं तोड़ी जाएगी। जब पार्षद ने लोगों के साथ दिनेश कोसरिया पर नोटिस भेजे जाने का कारण जानने दबाव बनाया तो अफसर ने बाद में इसकी जानकारी लिखित में देने की बात कही।
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