रायपुर में शुक्रवार को दशहरा पर्व शस्त्र पूजन से शूरू हुआ। पुलिस लाइन में SP प्रशांत अग्रवाल ने पूजा के बाद AK-47 से हवाई फायरिंग की। यहां परंपरा के अनुसार हर साल शस्त्रागार में हथियारों की पूजा की जाती है। इस दौरान मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पूजा में हिस्सा लिया।
राजभवन और मुख्यमंत्री आवास में भी विशेष पूजा का आयोजन किया गया था। राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुरक्षा में तैनात रहने वाले सुरक्षाकर्मियों की ऑटोमैटिक राइफल्स को एक जगह रखा गया। इसके बाद पंडित ने मन्त्रोच्चार करते हुए शस्त्रों की पूजा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस पूजा में शामिल हुए।
साल में सिर्फ एक दिन शस्त्रों दर्शन
रायपुर शहर की पुरानी बस्ती इलाके में स्थित जैतू साव मठ में दशहरे के दिन विशेष पूजा होती है। पिछले 500 सालों से मठ में ये परंपरा निभाई जा रही है। मठ में प्राचीन तलवार, तीर, धनुष, त्रिशूल, गुप्ति और कुल्हाड़ी की पूजा की जाती है। इस मठ को बनाने में 7 साल लगे थे। 1877 में यह राजस्थान के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान यहां महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू भी आ चुके हैं। रायपुर के पुरानी बस्ती इलाके में करीब 500 साल पुराना दूधाधारी मठ भी है। यह प्रदेश के सबसे प्राचीन मंदिरों में शामिल है। यहां भगवान श्रीराम को सोने के आभूषण से विशेष तौर पर सजाया गया।
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