निलंबित एडीजी की जांच तेज:जीपी सिंह के घर मिली डायरी लेने एसीबी दफ्तर पहुंची रायपुर पुलिस, एडीजी के सरकारी आवास में भी तलाशी
जीपी सिंह के सरकारी आवास पर पहुंची पुलिस की टीम, हर हिस्से की तलाशी ली गई।
आय से अधिक संपत्ति और सरकार के खिलाफ साजिश रचने के आरोपों में निलंबित एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ पुलिस की जांच तेज हो गई है। रायपुर पुलिस की एक टीम जीपी सिंह के घर से मिली डायरी लेने एसीबी के दफ्तर पहुंची है। वहीं पुलिस टीम ने एडीजी के सरकारी आवास की भी तलाशी ली है।
रायपुर सिटी कोतवाली थाने के इंस्पेक्टर मोहसिन खान ने एडीजी जीपी सिंह के घर पर अपनी टीम के साथ दबिश दी। इस दौरान पूरे घर की तलाशी ली गई। पुलिस टीम ने हर वह जगह देखी जहां कुछ दिन पहले एसीबी ने कार्रवाई की थी। जिस जगह से सरकार के खिलाफ साजिश रचने की जानकारी वाली डायरी मिली थी उसका भी मुवायना किया गया। यह घर का पिछला हिसा था। पुलिस टीम ने जीपी सिंह के कर्मचारियों से भी पूछताछ की। पूछताछ इस बात पर केंद्रित थी कि यहां कौन-कौन किस वक्त आता था। उन लोगों की गाड़ियों के नंबर से लेकर हर बात की बारीकी से पूछताछ की गई है। पुलिस टीम एसीबी दफ्तर भी पहुंची। वहां से उस डायरी को हासिल किया है, जिसमें सरकार के खिलाफ साजिश और आपराधिक ब्यौरा दर्ज है। इसको अब विशेष जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक जुलाई को एडीजी जीपी सिंह और उनसे जुड़े लोगों के घर पर छापा मारा था। तीन दिनों तक चली कार्रवाई में पुलिस ने जीपी के पास से 10 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति का पता लगाया था। जीपी सिंह के घर से मिली एक डायरी मेें सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ साजिशाना इबारत मिलने के बाद एसीबी ने रायपुर सिटी कोतवाली थाने में नई एफआईआर दर्ज कराई। इसमें जीपी सिंह के ऊपर राजद्रोह का मामला दर्ज हो गया।
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सीसीटीवी के डीबीआर की भी तलाश
रायपुर पुलिस को जीपी सिंह के घर में लगे सीसीटीवी कैमरे के डीबीआर की भी तलाश है। एसीबी ने जब छापा मारा था तो उस सीसीटीवी सिस्टम में डीबीआर गायब था। पुलिस ने आवास के कर्मचारियों से उसके बारे में भी बात की है।
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जीपी सिंह केस में अब तक यह हुआ
- एसीबी ने जीपी सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले पर 1 जुलाई की सुबह 6 बजे छापा मारा। राजनांदगांव, ओडिशा के 15 अन्य ठिकानों पर भी एक साथ कार्रवाई की गई।
- करीब 68 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कार्रवाई के दौरान 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ बंगले के पीछे गटर से कई डॉक्यूमेंट्स मिले थे। इन्हें ही राजद्रोह के लिए साक्ष्य माना गया है।
- छापे से मिली संपत्ति के आधार पर एसीबी ने उनपर भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई इसके आधार पर शासन ने 5 जुलाई को उन्हें सस्पेंड किया।
- 8 जुलाई की रात जीपी सिंह के घर से मिले दस्तावेजों के आधार पर उनपर राजद्रोह का केस दर्ज किया गया।
- शुक्रवार 9 जुलाई को जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है जिसमें जांच की मांग की गई, सरकार ने एकतरफा कार्रवाई से बचने के लिए केविएट दाखिल किया।
- हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के लिए रायपुर से रवाना हुए जीपी सिंह बिलासपुर से गायब हो गए। पुलिस की टीम उनपर नजर रखने के लिए लगाई गई थी। लेकिन उनका पता नहीं चला।
- 13 जुलाई को एडीजी जीपी सिंह की ओर से रायपुर की निचली अदालत में अग्रिम जमानत के लिए लगाया गया आवेदन वापस ले लिया गया।
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