कोरबा की रहने वाली युवती तनु कुर्रे के मर्डर केस में आरोपी सचिन अग्रवाल को रायपुर पुलिस ने चलती ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया। युवती तनु कुर्रे (26 वर्ष) रायपुर के मोवा स्थित एक्सिस बैंक की सेल्स टीम में कार्यरत थी। आरोपी ने ओडिशा के बलांगीर के जंगल में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी और लाश को जलाने की कोशिश की थी। युवती की अधजली लाश बलांगीर के जंगल से मिली थी।
जानकारी के मुताबिक, कोरबा निवासी तनु कुर्रे रायपुर के एक्सिस बैंक में काम करती थी, जहां उसकी मुलाकात ओडिशा के बलांगीर के कारोबारी सचिन अग्रवाल से हुई। धीरे-धीरे मुलाकातें बढ़ने लगीं और दोनों के बीच प्यार हो गया। दोनों के बीच 3 सालों तक प्रेम संबंध रहा। आरोपी युवक सचिन बलांगीर से कारोबार के सिलसिले में अक्सर रायपुर आता रहता था।
उसके रिश्तेदार पाम ब्लाजियों सोसायटी में रहते थे, जहां आकर वो रुकता था। 21 नवबंर 2022 को तनु बैंक से घर वापस नहीं लौटी और उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ बता रहा था। ऐसे में परेशान परिजन कोरबा से रायपुर पहुंच गए और 22 नवंबर को गुमशुदगी का मामला मोवा थाने में दर्ज कराया।
एक्सिस बैंक में कार्यरत तनु ने आखिरी बार अपनी रूममेट से किसी व्यक्ति का बैंक अकाउंट खुलवाकर वापस आने की बात कही थी, लेकिन वो वापस नहीं लौटी। इसी बीच ओडिशा के बलांगीर जिले के तुरईकेला इलाके के जंगल में एक अज्ञात युवती की अधजली लाश मिली। जिसकी तलाश में पुलिस ने छत्तीसगढ़ समेत पड़ोसी राज्यों से गुमशुदा इंसानों की जानकारी मांगी, तो तनु कुर्रे के लापता होने का भी पता चला। परिजनों को थाने बुलाया गया, तो 30 नवंबर को उन्होंने शव की पहचान तनु के रूप में कर दी।
सीसीटीवी फुटेज में सचिन के साथ जाते दिखी तनु
रायपुर पुलिस ने बताया कि गुमशुदगी की जांच के दौरान बैंक कर्मचारी युवती युवक सचिन अग्रवाल के साथ जाते हुए दिखाई दी थी। 21 नवंबर को बैंक से तनु सचिन अग्रवाल के साथ निकली थी। जिसके बाद 24 नवंबर को बलांगीर जिले के तुरईकेला इलाके के जंगल में उसकी लाश मिली थी। उसे गोली मारने के बाद पहचान छिपाने के लिए पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश की गई थी। इस मामले की जांच के लिए रायपुर पुलिस की एक टीम मृतका के परिजनों के साथ ओडिशा के बलांगीर के लिए भी रवाना हुई थी। वहीं परिजनों ने शव की पहचान तनु कुर्रे के रूप में की थी।
पुलिस ने चारों तरफ बिछा दिया मुखबिरों का जाल
आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने जगह-जगह छापेमारी शुरू कर दी और कई जिलों में मुखबिरों को एक्टिव कर दिया। फिलहाल रायपुर पुलिस ने दावा किया है कि फरार आरोपी सचिन को समलेश्वरी एक्सप्रेस की चलती ट्रेन से गिरफ्तार कर लिया गया है और ओडिशा पुलिस को सुपुर्द किया गया है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। ओडिशा पुलिस जल्द ही मामले का खुलासा कर सकती है।
प्रदेश में इस तरह की और वारदात आई थी सामने.. यहां पढ़िए
बॉयफ्रेंड संग घूमने गई थी, वापस आई लाश
रायपुर में 2 महीने पहले एक युवती की मौत के बाद जमकर बवाल हुआ था। दरअसल लड़की अपने बॉयफ्रेंड के साथ नवा रायपुर घूमने गई थी, मगर घर उसकी लाश लौटी है । इस मामले को लेकर युवती के परिजन और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने बवाल कर दिया और लड़की के प्रेमी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने की मांग की जा रही है।
युवती के बॉयफ्रेंड ने घायल हालत में उसे तेलीबांधा के एक अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां उसकी मौत हो गई। शनिवार शाम इस अस्पताल के बाहर बजरंग दल के कार्यकर्ता जमा हो गए। ये सभी हंगामा करने लगे। युवती के बॉयफ्रेंड और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच झूमा-झटकी भी हुई।
यह है पूरा मामला
रायपुर के सिलतरा इलाके में रहने वाली 24 साल की मोनिका यादव रहती थी। वो भनपुरी में रहने वाले 28 साल के वाहिद अली के प्यार में पड़ गई। कुछ समय से दोनों के बीच रिश्ता रहा। बजरंग दल के प्रांत संयोजक ऋषि मिश्रा और रवि वाधवानी ने बताया कि युवक लड़की से मारपीट भी किया करता था। लड़की के घर वालों पर युवक जबरन शादी करने का दबाव भी बना रहा था। मगर समाज में बदनामी के डर से वो चुप रहे। घरवाले इस रिश्ते के खिलाफ थे। पढ़िए पूरी खबर
भिलाई की युवती का बिलासपुर में मर्डर
बिलासपुर में 12 दिन पहले भिलाई की एक युवती की हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज मर्डर का राज तब खुला, जब कार में रखी लाश से बदबू फैलने लगी। मौके पर पहुंची पुलिस ने हत्या करने वाले मेडिकल स्टोर संचालक युवक को भी पकड़ लिया। प्रारंभिक जांच में प्रेम और रुपयों के लेन-देन की बात सामने आई थी।
जानकारी के अनुसार दुर्ग-भिलाई की रहने वाली प्रियंका सिंह पिता बृजेश सिंह (24) सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के टिकरापारा मन्नू चौक स्थित हॉस्टल में रूम लेकर रहती थी। वह यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। बताया जा रहा है कि छात्रा प्रियंका पिछले चार दिन से गायब थी। इससे परेशान घरवालों ने इसकी सूचना कोतवाली थाने में दर्ज कराई गई थी।
CCTV में आखिरी बार मेडिकल स्टोर की ओर जाते दिखी
SSP पारूल माथुर ने बताया कि छात्रा के गायब होने के बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। उसके मोबाइल कॉल डिटेल्स, लोकेशन और CCTV फुटेज चेक करने पर पता चला कि वह आखिरी बार सिटी फार्मेसी मेडिकल एजेंसी तरफ जाते दिखी थी। ऐसे में पुलिस को पहले से ही मेडिकल स्टोर संचालक आशीष साहू पर शक था। उससे पूछताछ भी की गई थी लेकिन, वह लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा था।
कार की पिछली सीट पर पॉलिथिन में लपेटकर रखी थी लाश
बताया जा रहा है कि आरोपी युवक आशीष साहू ने प्रियंका की गला दबाकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने उसके शव को तीन दिन तक दुकान में छिपा कर रखा था। दुकान में ज्यादा किसी का आना-जाना नहीं था। इसके चलते किसी को पता भी नहीं चला। इस दौरान वह लगातार दुकान में रूम फ्रेशनर, अगरबत्ती जलाता रहा, लेकिन जब उसे लगने लगा कि यहां आने वालों को शक हो जाएगा तो उसने लाश ठिकाने लगाने का सोचा। शुक्रवार की रात उसने लाश पॉलिथिन में लपेट कर अपनी कार की पिछली सीट पर रख ली पर कहीं फेंकने की हिम्मत नहीं कर पाया। लिहाजा वह कार घर ले आया और गैराज में छिपाकर रख दिया था। लेकिन, शनिवार दोपहर तक आसपास बदबू फैलने लगी। पड़ोसियों, घर वालों का ध्यान भी कार की ओर गया और उन्होंने पुलिस को फोन कर दिया। पहले से ही आशीष पर संदेह कर रही पुलिस ने लाश बरामद कर ली और उसे गिरफ्तार कर लिया। पूरी खबर पढ़िए
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