छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध राजिम पुन्नी मेला इस बार नये स्थान पर लगेगा। इसके लिये चौबेबांधा मार्ग पर 54 एकड़ का क्षेत्र चिन्हित किया गया है। प्रशासन अब इस जमीन को समतल कर सुविधाएं जुटाने में लगा है। मेला स्थल से त्रिवेणी संगम तक चार लेन की सड़क और पाथ-वे बनाया जाना है।
प्रदेश के लोक निर्माण, गृह, धर्मस्व और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने मंगलवार को माघी पुन्नी मेला की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने मेला स्थल में सुव्यवस्थित आवागमन के लिए जमीन समतलीकरणए, नदी के किनारे फोर लेन सड़क, पाथ-वे निर्माण सहित यहां आने वाले आगंतुकों और साधु-संतों की सुविधाओं का विशेष ख्याल रखने के निर्देश दिए।मंत्री ने यहां अतिरिक्त संख्या में जेसीबी और ट्रैक्टर लगाकर जमीन के समतलीकरण और लेबलिंग कार्य को एक सप्ताह के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेषज्ञ आर्किटेक्ट से संपूर्ण मेला स्थल का डिजाइन और लेआउट तैयार कराने को कहा है। मंंत्री ने भविष्य में पर्यटन, धर्म तथा मेला को दृष्टिगत रखते स्थायी निर्माण को भी कहा है। इसमें साधु-संतों के लिए स्थायी आवास, मंच, शिल्पकारों और महिला समूहों के लिए स्थायी दुकान और अलग-अलग दिशा में संपर्क मार्ग के लिए भी प्लान बनाने के निर्देश दिए। ताम्रध्वज साहू ने पार्किंग और अन्य उद्देश्यों के लिए भी जगह आरक्षित करने और त्रिवेणी संगम के दोनों ओर तटों में पिचिंग के कार्य को भी प्रारंभ करने के निर्देश दिए। गृह मंत्री के दौरे के समय गरियाबंद कलेक्टर निलेश महादेव क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक जेआर ठाकुर, डीएफओ मयंक अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल और अनुविभागीय अधिकारी अविनाश भोई आदि मौजूद रहे।
त्रिवेणी संगम में 12हो मास पानी भरने का निर्देश
मंत्री ताम्रध्वज साहू ने राजिम त्रिवेणी संगम में 12हो महीने पानी भरने की व्यवस्था को कहा है। इसके लिये उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि एनीकट की मरम्मत कर उसमें पानी रोका जाए। उन्होंने कहा, आवश्यकता पड़ने पर नए एनीकट भी बनाए जा सकते हैं, इसलिए उसका प्रस्ताव भी तैयार करें।
मेला से पहले लक्ष्मण झूला तैयार रखने को कहा
विभागीय मंत्री ने नवीन मेला स्थल पर पानी की पर्याप्त व्यवस्था के लिए बोर खनन, विद्युत व्यवस्था के लिए ट्रांसफार्मर, जनरेटर और विद्युत सब स्टेशन निर्माण के निर्देश दिए। वहीं उन्होंने लक्ष्मण झूला पुल निर्माण में प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने इसे पूरा करने के लिए 25 जनवरी तक का समय दिया है।
16 फरवरी से शुरू होगा मेला
महानदी, पैरी और सोंढुर नदियों के संगम पर बसा राजिम छत्तीसगढ़ में प्रयाग जैसी महिमा रखता है। सैकड़ों वर्षों से यहां माघ पूर्णिमा के दिन से महाशिवरात्रि तक मेला लगता रहा है। इसे पुन्नी मेला (पूर्णिमा का मेला) कहा जाता है। इस बार माघ पूर्णिमा 16 फरवरी को पड़ रही है। वहीं महाशिवरात्रि एक मार्च को है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.