छत्तीसगढ़ सरकार का हेलिकॉप्टर बीती रात रायपुर में क्रैश हो गया। इसकी वजह से इसमें सवार दोनों पायलट की मौत हो गई। जानकारों का कहना है कि तकनीकी गड़बड़ी से यह हेलिकॉप्टर उड़ता ताबूत बन चुका था। कई बार वीआईपी उड़ानों के दौरान यह उड़नखटोला हवा में ही झटके देता रहा। दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से क्रैश हुआ यह हेलिकॉप्टर प्रदेश एविएशन हिस्ट्री की दुखद कहानी में बदल गया।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है, यह सरकारी बेड़े का एकमात्र हेलिकॉप्टर था। अगस्ता वेस्टलैंड का AW-109 हेलिकॉप्टर 2007 में खरीदा गया था। इसके इंजन अपनी क्षमता से अधिक उड़ान भर चुका था। एक बार इसका इंजन बदला भी जा चुका था। फिर इंजन बदलने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन पूरी नहीं हो पाई। इसी वजह से वीआईपी दौरे के लिए इसका कम इस्तेमाल हो रहा था।
कई बार आपात लैंडिंग हो चुकी थी इस हेलिकॉप्टर की
मेंटेनेंस पर ही भारी खर्च हो रहा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले साल विधानसभा को बताया था, दिसम्बर 2018 से जनवरी 2021 तक इस हेलिकॉप्टर के मेंटेनेंस पर 14 करोड़ 65 लाख 15 हजार 41 रुपये खर्च हुए थे। इसी दो साल में सरकारी विमान के मेंटेनेंस का खर्च एक करोड़ 93 लाख 59 हजार 620 रुपया आया है। मुख्यमंत्री की ओर से बताया गया, इसी दौरान राज्य सरकार 43 बार हेलिकॉप्टर और 31 बार विमान किराये पर लिया था। इन पर 33 करोड़ 87 लाख 74 हजार 745 रुपये का खर्च आया था।
विधानसभावार दौरे के लिए भी किराए पर हेलिकॉप्टर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चार मई से प्रदेश का विधानसभावार दौरा शुरू किया है। अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर की सुरक्षा संबंधी दिक्कतों की वजह से ही इस दौरे के लिए किराए का हेलिकॉप्टर लिया गया है। इस दौरे में अगस्ता वेस्टलैंड भी मुख्यमंत्री के साथ रहा लेकिन इससे मुख्यमंत्री ने सफर नहीं किया। इसमें प्रदेश के वरिष्ठ अफसर सफर करते रहे। सरगुजा दौरे के दौरान यह कई बार रायपुर आया और वापस गया। बुधवार शाम को यह मुख्यमंत्री के हेलिकॉप्टर के साथ ही माना हवाई अड्डे पर उतरा था।
खरीदी से ही विवादों में रहा है यह हेलिकॉप्टर
तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अक्टूबर 2007 में यह अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदा था। इसके लिए 65 लाख 70हजार अमेरिकी डॉलर की कीमत अदा की गई। इस सौदे पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने सवाल उठाए। कहा गया, खरीदी प्रक्रिया में एक स्टैंडर्ड मॉडल के लिए ग्लोबल टेंडर निकाला गया। यह सही नहीं था। यह भी सवाल उठा कि ऐसा ही हेलिकॉप्टर झारखंड सरकार ने 55 लाख 91 हजार अमेरिकी डॉलर में खरीदा था।
यह भी बात आई कि सरकार ने कंपनी के साथ 61 लाख डॉलर में बातचीत तय कर ली थी, लेकिन अचानक ही बढ़ी हुई कीमत पर खरीदी कर ली गई। कांग्रेस इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक गई थी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.