बालोद में गुरुर व आसपास के 7 रिटायर्ड आर्मी के दोस्तों ने देशभक्ति की ऐसी अलख जगाई है कि उनके 700 में 50 से ज्यादा ट्रेनी नौकरी में लग गए हैं। ये नौकरी आर्मी ही नहीं नेवी, सीआरपीएफ, सीआईएसफ, जिला पुलिस, असम राइफल्स व दूसरे क्षेत्रों में है। इन दोस्तों ने गुरुर में दो सेशन में युवाओं को आर्मी, नेवी में जाने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी, वो भी मुफ्त में। 50 से ज्यादा गरीब युवाओं को ट्रेनिंग के लिए जूते के साथ जरूरी सामान भी मुहैया कराया।
गुरुर के चोविंद्र साहू, राकेश साहू, कमलेश भारद्वाज, उत्तरा सिन्हा, लीलाधर साहू, तोरण सिन्हा अजय सिंह भिलाई ने नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर युवाओं को आर्मी व पैरामिलिट्री में जाने का जोश भरा। दाे सेशन के लिए 1200 से ज्यादा युवाओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी कराया था। सरकारी कॉलेज ग्राउंड मंे 750 से ज्यादा युवा रोज जुटे।
45-45 दिनों के सेशन में युवाओं को ऐसा ट्रेंड किया कि युवा अब आर्मी ही नहीं नेवी व दूसरी पुलिस सेवा में जा रहे हैं। ओमप्रकाश, चोवेंद्र व अजय ने बताया कि 12वीं पढ़ने के बाद कई युवाओं को ये जानकारी नहीं होती कि आर्मी मंे जाने के क्या करें? कैसे आवेदन भरें, कहां ट्रेनिंग ले, इसकी कोई जानकारी नहीं होती।
यही सोचकर हम सभी दोस्तोें ने युवाओं को ट्रेनिंग देने का फैसला लिया। यही नहीं जो दूरदराज से आते थे और उन्हें सुबह ग्राउंड पहुंचने में देरी होती थी, उनके लिए होस्टल व खाने-पीने की व्यवस्था भी की गई। केवल ट्रेनिंग ही नहीं युवाओं का मोटिवेशन भी किया गया।
सोमवार से शनिवार तक ट्रेनिंग दी गई। वहीं रविवार को जुबां डांस भी कराया, जिससे युवाओं को कोई तनाव न हो।
सांसद, कलेक्टर से लेकर एसपी ने की हौसला अफजाई
रिटायर्ड आर्मी जवानों की तत्परता को देखकर मौके पर सांसद, कलेक्टर, एसपी से लेकर तहसीलदार भी पहुंचे। सभी ने युवाओं के नेक कार्य के लिए सराहना की। मौके पर जनप्रतिनिधियों, आईएएस व आईपीएस अफसरों ने ट्रेनिंग ले रहे युवाओं की हौसला अफजाई भी की। सभी जवानों को आगे भी ट्रेनिंग सेशन जारी रखने को कहा।
कुम्हारी व रायपुर में भी ऐसा ही प्रयास
कुम्हारी व रायपुर में ऐसा ही प्रयास किया जाएगा। अजय सिंह ने बताया कि उन्हें कुम्हारी में ट्रेनिंग सेशन करने की मंजूरी मिल गई है। रायपुर के लिए बात चल रही है। नेवी से रिटायर होने के बाद वे एक सरकारी बैंक में नौकरी कर रहे हैं। नौकरी से समय निकालकर वे व उनके साथी बेरोजगार युवाओं को ट्रेनिंग देकर आर्मी ही नहीं दूसरी नौकरी में भेजने का प्रयास करने की बात कहते हैं।
पैरी व परसाही में भी रिटायर्ड जवान कर रहे मार्गदर्शन
गुंडरदेही बालोद ब्लॉक के ग्राम पैरी व परसाही में भी रिटायर्ड जवानों की संख्या अच्छी खासी है। पैरी में 70 से अधिक जवान आर्मी मंे रहे हैं। इनमें से 15 से 20 रिटायर हो चुके हैं। परसाही में भी 50 से ज्यादा आर्मी, पुलिस बल व पुलिस के दूसरे विभागों में सेवाएं दे रहे हैं। इनमें 10 से ज्यादा जवान रिटायर हो गए हैं। ये जवान गांवों में निवास कर रहे हैं और आर्मी या पुलिस बल में जाने के लिए ट्रेनिंग देते हैं।
अभनपुर में युवाओं को मुफ्त ट्रेनिंग
लक्ष्मी कुमार | थल सेना से रिटायर्ड योगेश साहू अभनपुर एरिया में युवाओं को आर्मी के लिए निशुल्क ट्रेनिंग दे रहे हैं। रोज सुबह 6 बजे ग्राउंड पर वे 40 युवाओं को ट्रेनिंग देते नजर आते हैं। अभनपुर के मिनी स्टेडियम में इन्होंने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर ट्रेनिंग सेटअप बनाकर रखा है। लंबी कूद, ऊंची कूद, 400 मीटर का रनिंग ट्रेक, सिटअप बार जैसे ट्रेनिंग पाइंट बने हैं। कार के पुराने टायर से एडवेंचर ऑप्टिकल बनाए हैं।
यहां गर्ल्स और ब्वायज दोनों को एक-साथ प्रशिक्षण दिया जाता है। योगेश का कहना हैं सही गाइडेंस ना मिलने के कारण कुछ युवाओं का सलेक्शन आर्मी में नहीं हो पाता। ऐसे युवाओं को ही गाइडेंस देकर उन्हें देश की सेवा करने के लिए तैयार करना मकसद है।
पांच युवाओं का सलेक्शन: इसी ट्रेनिंग कैंप से लगभग 5 युवाओं का सलेक्शन आर्मी में हुआ है। तीन युवा मेडिकल और फिजीकल टेस्ट के बाद रिटर्न टेस्ट की तैयारी कर रहे है। 39 ईयर के योगेश ने बताया कि अभनपुर में कमल नारायण मिश्रा, अश्वनी साहू, मुकेश सिन्हा भी रिटायर्ड आर्मी पर्सन है। हम चारों मिलकर ही ट्रेनिंग दे रहे है। योगेश अपने पैतृक गांव पोस्ट कचना, नवागांव के पहले फौजी हैं। 12वीं के बाद ही सिपाही के तौर पर इनकी भर्ती आर्मी में हुई। 17 साल की नौकरी में नासिक, गुड़गांव, मथुरा, हैदराबाद, प. बंगाल, देहरादून, जम्मू-कश्मीर के अलावा विदेशी पोस्टिंग भूटान में भी अपनी सेवाएं देते हुए 2020 में नायक के पोस्ट से रिटायर्ड हुए।
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