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स्टेट काेराेना कंट्राेल एंड कमांड सेंटर सर्किट हाऊस में स्ट्राबेरी और नींबू की खुशबू वाले सेनिटाइजर सभी को भा रहे हैं। 24 घंटे खुले रहने वाले कंट्रोल रूम में कई बार अफसरों का आना जाना लगा रहता है। अफसरों के अनुसार खुशबूदार सेनिटाइजर से कंट्रोल रूम का वातावरण खुशगवार रहता है। इससे यहां काम करने के दौरान फ्रेश महसूस होता है। लेमन-येलो व गुलाबी रंग वाले सेनिटाइजर को सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बनाया। उनका प्रयोग सभी को इतना भा गया कि उनके फार्मूले से से अब तक इस तरह के 2000 लीटर सेनिटाइजर बनाए जा चुके हैं। अब तक करीब तीन हजार से ज्यादा लोग इस खुशबूदार सेनिटाइजर का उपयोग कर चुके हैं। रायपुर के कोविड कंट्रोल रूम के अलावा भिन्न सरकारी अस्पतालों के साथ ही महासमुंद के कई कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारी ये सेनेटाइजर इस्तेमाल कर रहे हैं। इसे बनाने वाले संदीप चंद्राकर महासमुंद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में सलाहकार के पद पर पदस्थ हैं। रोज रोज रंगहीन और बिना किसी गंध वाले सेनिटाइज का उपयोग करने के बाद उन्होंने खुशबूदार सेनिटाइजर बनाया। उनके बनाए सेनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा 80 प्रतिशत है। इस सेनिटाइजर की लागत मूल्य मात्र 110 रुपए प्रति लीटर है, जो बाजार में मिलने वाले सेनिटाइजर की कीमत से काफी कम है। इसके उपयोग से विभाग को खासी बचत भी हो रही है। साथ ही इनमें 80 प्रतिशत अल्कोहल होने से ये बाजार में मिल रहे सेनिटाइजर से ज्यादा गुणवत्ता वाले हैं। आमतौर पर पानी की तरह दिखने वाले रंगहीन, गंधहीन सेनिटाइजर के दुरूपयोग को रोकने व इसका इस्तेमाल खुशगवार बनाने के लिए इनमें खुशबू व रंग मिलाया गया है। इन्हें बनाने के लिए डिस्टिल वाटर भी संदीप चंद्राकर ने खुद तैयार किया है।
अब एंटीजन टेस्ट से काेराेना की रिपाेर्ट महज आधे घंटे में
अब एंटीजन टेस्ट से कोरोना की रिपोर्ट महज आधे घंटे में आ जाएगी। यह जांच लैब में नहीं बल्कि स्पॉट में होगी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर जांच की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। ये किट प्रदेश के विभिन्न जिलों में भेज दी गई। रायपुर समेत दूसरे संभागों में इससे जांच भी शुरू हो चुकी है। कोरोना जांच के बाद रिपोर्ट का इंतजार करने वालों व संदिग्धों के लिए यह राहत वाली खबर है। आरटीपीसीआर से पहले 12 से 13 दिनों में रिपोर्ट आ रही थी। सैंपलों की संख्या ज्यादा होने से एम्स में सैंपल की संख्या बढ़ गई थी। इस कारण रिपोर्ट में देरी होने के कारण मरीजों में भी वायरल लोड बढ़ रहा था। अब ऐसा नहीं होगा।
एंटीजन किट की पाॅजिटिव रिपोर्ट उतनी ही मान्य होगी, जितनी आरटीपीसीआर की होती है। डॉक्टरों के अनुसार यह किट आने से जांच में भी तेजी आएगी। इस किट का कमजोर पहलू यह है कि यह कम वायरल लोड को पकड़ नहीं पाता। इसलिए नेगेटिव रिपोर्ट वाले सैंपलों की फिर से आरटीपीसीआर किट से जांच की जाएगी। इसमें छह से आठ घंटे लगते हैं। नेहरू मेडिकल कॉलेज में माइक्रो बायोलॉजी के एचओडी डॉ. अरविंद नेरल व पीडिया की एचओडी डॉ. शारजा फुलझेले ने बताया कि संदिग्धों की रिपोर्ट जितनी जल्दी आएगी, इलाज जल्द शुरू होगा। इससे वायरल लोड भी नहीं बढ़ेगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एंटीजन किट से जांच को आईसीएमआर से अनुमति मिल गई है। इसलिए इस किट से जांच की संख्या बढ़ाई जाएगी। बस्तर से जो पॉजिटिव रिपोर्ट आई है, एंटीजन किट से हुई है।
पॉजिटिव- दिन उत्तम व्यतीत होगा। खुद को समर्थ और ऊर्जावान महसूस करेंगे। अपने पारिवारिक दायित्वों का बखूबी निर्वहन करने में सक्षम रहेंगे। आप कुछ ऐसे कार्य भी करेंगे जिससे आपकी रचनात्मकता सामने आएगी। घर ...
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