छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सड़कों पर एक अजीब विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। शनिवार को कफन ओढ़ कर महिलाएं सड़क पर लेट गईं। रोते हुए सरकार से अपनी बदहाली दूर करने की मांग करती रहीं। दरअसल ये पूरा मामला रायपुर के बूढ़ा पारा स्थित धरना स्थल की सड़क से जुड़ा हुआ है। यहां पिछले कई दिनों से पंचायत स्तर के शिक्षकों की विधाएं धरना दे रहीं हैं। ये चाहती हैं कि पति की मौत के बाद इन्हें अनुकंपा नियुक्ति मिले, मगर सरकार कई तरह के नियमों का हवाला देकर इनकी मांगों को मानने के लिए राजी नहीं है। ऐसे में यह महिलाएं शनिवार को इस तरह के विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर हुईं।
दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ से जुड़ी माधुरी मृगे ने बताया कि हम पिछले लगभग एक महीने से रायपुर के धरना स्थल पर बैठकर सरकार को अपनी मांगों से अवगत करा रहे हैं। कई बार मुख्यमंत्री निवास जाने की कोशिश की, मगर रास्ते में ही पुलिस हमें रोक कर हमारे साथ बदसलूकी करती है।
प्रदर्शन में शामिल सभी महिलाओं के पति प्रदेश की अलग-अलग पंचायतों में बतौर शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने का काम करते थे। किसी की बीमारी तो किसी की हादसे में मौत हुई। मगर परिवार के किसी एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली। पिछले दो तीन सालों से विभागों के चक्कर काट रही ये महिलाएं अब आंदोलन कर रही हैं।
कैसे भरें बच्चों का पेट
पिछले 1 महीने से रायपुर में जारी धरना प्रदर्शन में जांजगीर से आई अश्वनी सोनवानी के पति पंचायत शिक्षक थे। 2017 में पति की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अब दो बच्चे हैं। ससुर को लकवा मार गया है। लोगों से उधार रुपए लेकर बुजुर्ग ससुर का इलाज करवा रही हैं। ट्रीटमेंट के लिए पैसे नहीं होते हैं। 17 साल की बेटी ने 10वीं में टॉप किया था। अब उसे आगे पैसों की तंगी की वजह से पढ़ा नहीं पा रहीं। अश्वनी ने पूछा कि हम घर कैसे चलाएं, जिन शिक्षकों का संविलियन हुआ उनके परिवार को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी, हमारे पति भी तो पढ़ाते थे। हमें क्यों परेशान किया जा रहा है हमारी तकलीफ कोई नहीं समझ रहा।
नियम का पंगा
अपनी मांगों को लेकर धरना दे रही इन महिलाओं में नौकरी की आस कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं ने चुनाव के वक्त जगाई थी। दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि चुनाव के समय कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कहा था कि सरकार बनने के बाद नियमों को शिथिल करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे साथ जो हुआ अचानक हुआ, कोई तैयारी तो नहीं करता है न कि पति मरे तो मैं पहले से ही सारे कोर्स कर लूं। अब परिवार में पैसे नहीं कि हम कोर्स करें। हम चाहते हैं कि जिसकी जैसी योग्यता है उसे वैसा रोजगार सरकार दे दे।
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