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अधिक जहरीली हुई रायपुर की हवा:दिवाली की रात पटाखों ने साफ हवा को पहुंचाया नुकसान, पर्यावरण संरक्षण मंडल ने बताया संतोषजनक

रायपुर5 महीने पहले
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रायपुर में दिवाली के पटाखों का शोर 23 अक्टूबर से ही शुरू हो गया था। - Dainik Bhaskar
रायपुर में दिवाली के पटाखों का शोर 23 अक्टूबर से ही शुरू हो गया था।

दिवाली की रात पटाखों के धुओं ने रायपुर की साफ हवा काे नुकसान पहुंचाया है। यह हवा कुछ अधिक जहरीली हुई है। छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल की ओर से बताया गया है कि पिछले साल की दिवाली की रात की तुलना में 5% अधिक प्रदूषण हवा में घुला है। हालांकि पर्यावरण के वायु गुणवत्ता मानकों पर रायपुर की परिवेशीय हवा को संतोषजनक की श्रेणी में रखा जा सकता है।

पर्यावरण संरक्षण मंडल ने रायपुर में तीन स्थानों पर निगरानी यंत्र लगाएं हैं। इसमें एक यंत्र रायपुर एम्स के पास है। दूसरा सिटी कोतवाली के पास और तीसरा पंडरी जिला अस्पताल के पास लगा है। दिवाली की रात एम्स केंद्र में पीएम-10 के 62.44 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, पीएम2.5 के 38.59 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, एसओ 2 के 13.02 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और एनओ2 के परिणाम 22.56 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर मापे गये। वहीं सिटी कोतवाली केंद्र पर पीएम 10 के परिणाम 76.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर, पीएम2.5 के 54.50 माइक्रोग्राम, एसओ 2 के 20.10 माइक्रोग्राम और एनओ2 के परिणाम 29.24 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किये गये। वहीं पंडरी जिला जिला अस्पताल परिसर में पीएम 10 को प्रति घन मीटर 68.83 माइक्रोग्राम, पीएम2.5 को 50.65 माइक्रोग्राम, एसओ2 को 17.45 माइक्रोग्राम और एनओ2 की उपस्थिति 27.13 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पाई गई। पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों ने बताया, पिछले साल दिवाली की तुलना में इस बार पीएम 10 कणों की उपस्थिति में 4.65% की वृद्धि हुई है। पीएम2.5 कणों में 4.23% एसओ2 में 0.65% और एनओ2 में 0.99% की बढोतरी दर्ज की गई है। पर्यावरण संरक्षण मंडल का कहना है, दीपावली पर पटाखों के उपयोग और आतीशबाजी की वजह से रायपुर शहर की परिवेशीय वायु गुणवत्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।

छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण ने हवा की स्थिति को संतोषजनक बताया है।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण ने हवा की स्थिति को संतोषजनक बताया है।

शोर भी पहले की अपेक्षा बढ़ा है

पर्यावरण संरक्षण मंडल ने बताया, दीपावली की रात एम्स केंद्र पर न्यूनतम शोर 48.14 डेसिबल और अधिकतम 76.27 डेसिबल मापा गया है। वहीं सिटी कोतवाली न्यूनतम ध्वनि तीव्रता 54.69 डेसिबल और अधिकतम तीव्रता 94.92 डेसिबल मापी गई है। वहीं जिला अस्पताल परिसर में न्यूनतम ध्वनि तीव्रता 57.73 डेसिबल और अधिकतम तीव्रता 81.74 डेसिबल मापी गई है। यहां शोर भी पिछली दीपावली की तुलना में अधिक बढ़ा है।

देश के प्रदूषित शहरों की अपेक्षा अभी बेहतर स्थिति

पर्यावरण संरक्षण मंडल का कहना है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत छह श्रेणियां बनी हैं। प्रति घन मीटर 0 से 50 माइक्रोग्राम प्रदूषकों की उपस्थिति को अच्छा माना जाता है। 51 से 100 माइक्रोग्राम के बीच की स्थिति को संतोषजनक कहा जाता है। 101 से 200 माइक्रोग्राम के बीच इनकी उपस्थिति वाली हवा को मध्यम प्रदूषित कहते हैं। इन तत्वों की हवा में मौजूदगी 201 से 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो जाए तो खराब कहा जाता है। 301 से 400 माइक्रोग्राम वाली स्थिति को बेहद खराब और उससे अधिक के घनत्व वाली हवा को गंभीर कहा जाता है। इस मान से रायपुर की हवा अभी भी संतोषजनक स्तर पर है।

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