केंद्र सरकार के गृह विभाग ने छत्तीसगढ़ समेत सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी करते हुए आगाह किया है कि जो भी सार्वजनिक जगह अनलाॅक की गई हैं, वहां कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ रही हैं, जबकि दूसरी लहर अभी देश से पूरी तरह खत्म भी नहीं हुई है।
अगर हालात नहीं सुधरे तो कोरोना संक्रमण को फिर बढ़ने से रोका नहीं जा सकता। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से जारी एडवाइजरी में राज्य सरकारों से अपील की गई है कि जो भी सार्वजनिक स्थान अनलाॅक किए गए हैं, वहां कोरोना गाइडलाइन के पालन की जिम्मेदारी अफसरों को सौंपी जाए और पालन नहीं होने की दशा में उनकी जवाबदेही भी सुनिश्चित होना चाहिए।
एक माह तक बंद थी कार्रवाई, अब फिर शुरू, 698 लोग पकड़े गए
राजधानी के ही मालवीय रोड, गोलबाजार और पंडरी जैसे भीड़भरे बाजारों में दुकानदारों के मास्क हट गए हैं और भीड़ में ज्यादातर लोग बिना मास्क नजर अाए। ट्रेनों से लेकर अाॅटो रिक्शों तक में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
शहर में मास्क की जांच दूसरी लहर के बाद हुए अनलाॅक से बंद है। पिछले एक माह से पुलिस और निगम-प्रशासन अमले ने कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर जुर्माना बंद कर रखा है। रायपुर कलेक्टर ने सोमवार को तीन अफसरों की कमेटी बनाकर कोरोना प्रोटोकाॅल के पालन का जिम्मा उन्हें सौंपा है। लेकिन 48 घंटे बाद भी यह टीम एक्टिव नहीं हुई है।
लापरवाही के चलते कई राज्यों में बढ़ा रिस्क फैक्टर
कई राज्यों में और खासकर सार्वजनिक परिवहन के साधनों और पहाड़ी पर्यटन स्थलों पर लापरवाही के चलते कुछ राज्यों में रिस्क फैक्टर बढ़ गया है। आर फैक्टर 1.0 से ज्यादा होने से कोरोना तेजी से फैलता है। ऐसे में जरूरी है कि दुकानों, मॉल्स, बाजार, कॉम्पलेक्स, रेस्टोरेंट, बार, मंडी, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, पार्क, जिम, मैरिज हॉल, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स जैसी जगहों पर कोरोना नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाए।
प्रदेश के 10 जिलाें में 100 से कम हुए एक्टिव केस
10 जिलों में एक्टिव केस 100 से कम हो गए हैं। जबकि टॉप 5 एक्टिव केस वाले जिलों में अभी भी बस्तर संभाग के 3 जिले शामिल हैं। रायपुर एक्टिव केस के मामले में 5वें नंबर पर आ गया है। पॉजिटिविटी रेट 0.7% पर आ गया है। पिछले 24 घंटे में रायपुर में 20 समेत 252 नए मरीज मिले हैं। जहां 100 से कम एक्टिव केस हैं, उन जिलों में राजनांदगांव, बालोद, महासमुंद, नारायणपुर, बेमेतरा, कांकेर, मुंगेली, कवर्धा, पेंड्रा व बलरामपुर शामिल है।
दूसरे राज्यों के 14 मरीजों का भी इलाज चल रहा है। टॉप 10 वाले एक्टिव केस वाले जिलों में सुकमा में 458, बीजापुर में 340, जांजगीर-चांपा में 320, बस्तर में 249 व रायपुर में 236 मरीजों का इलाज चल रहा है। प्रदेश में 12 जुलाई को शून्य मौत हुई थी। इससे पहले 13 फरवरी व पिछले साल 22 जुलाई को कोरोना से कोई मौत नहीं हुई थी। दूसरी लहर में पहली बार शून्य मौत हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि गंभीर मरीजों की संख्या कम होने से मौतों में कमी आई है।
कोरोना बेटिकट: जनरल डिब्बों में 90 की सीट पर 200 से अधिक यात्री
रायपुर समेत प्रदेश के सभी प्रमुख स्टेशनों से गुजरने वाली ट्रेनों में भीड़ बढ़ गई है। सोशल डिस्टेंसिंग केवल कहने वाली बात रह गई है। ट्रेनों के जनरल डिब्बों में यह नजारा साफ तौर पर देखा जा सकता है। रेलवे ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत जनरल डिब्बों के साथ ही सभी श्रेणी के कोच में रिजर्व टिकट व कंफर्म टिकट से ही सफर करने की गाइडलाइन जारी की है। लेकिन आलम यह है कि जनरल कोच की 90 सीट पर 200 से भी अधिक यात्री सफर करने कर रहे हैं।
यात्रियों की मजबूरी है कि ट्रेनों की तय सीट से अधिक टिकट नहीं मिल रही। ऐसे में यात्री टीटीई से पर्ची वाली टिकट बनवाकर ट्रेन में चढ़ रहे हैं। कई यात्री तो बिना टिकट के ही सफर कर रहे हैं और चेकिंग के दौरान उन्हें फाइन देना पड़ रहा है। रेलवे प्रशासन जानबूझकर ऐसा कर रहा है, ताकि उसे फाइन से भी मोटी कमाई हो सके। इसलिए तो बीना टिकट वाले यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की छूट दे दी गई है।
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