रायपुर में भगवान गणेश की प्रतिमाओं के अपमान का मामला अब थाने पहुंच गया है। भाजपा की पार्षद विश्वदिनी पांडे ने मंगलवार की शाम मोवा थाने पहुंचकर इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने ज्ञापन सौंपते हुए पुलिस से इस पूरे मामले में जांच की मांग की। पार्षद ने थाने में ये भी कहा कि रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर और नगर निगम के उन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो विसर्जन के इस काम में लगे थे।
गणेश प्रतिमाओं के अपमान पर चौतरफा घिरा निगम:BJP प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा- धर्म और लोगों की आस्था से खिलवाड़ अब कांग्रेस की आदत
दरअसल सोमवार को सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें और वीडियो सामने आए थे। इनमें कचरे की गाड़ी में भगवान गणेश की प्रतिमाओं को महादेव घाट में बने अस्थाई कुंड में लाया गया था। कुछ कर्मचारी इन्हें असंवेदनशील ढंग से कुंड में फेंकते नजर आ रहे थे। यह तस्वीरें और वीडियो रविवार को शूट किए गए थे। इसी मामले में विश्वदिनी पांडे ने थाने पहुंचकर कार्रवाई की मांग की है। महिला पार्षद ने दैनिक भास्कर को बताया कि हम सभी हिंदू हैं और भगवान गणेश की 10 दिनों तक पूजा-अर्चना के बाद उन्हें विसर्जित किया जाता है। नगर निगम ने एक तरफ पर्यावरण के नाम पर सभी तालाबों में विसर्जन को प्रतिबंधित कर दिया है। निगम के बने अस्थाई कुंड के पास लोगों ने अपनी प्रतिमाओं को छोड़ा और निगम के कर्मचारियों ने प्रतिमाओं का अनादर किया, जो कि हम बर्दाश्त नहीं कर सकते।
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कचरा गाड़ी में गणेश प्रतिमाएं:निगम कर्मचारी ट्रक में भरकर लाए और महादेव घाट कुंड में फेंक दी, महापौर के पहुंचने पर नाराज लोगों ने की नारेबाजी
यह है पूरा मामला
सामने आए वीडियो और तस्वीरों की पड़ताल करने पर इस बात की पुष्टि हुई कि कुछ लोगों ने इन्हें महादेव घाट पर ही मोबाइल के कैमरे पर रिकॉर्ड किया। इसमें नगर निगम की छोटी कचरा गाड़ी और ट्रक में प्रतिमाओं को महादेव घाट के अस्थाई कुंड लाकर दूर से ही कुंड में फेंका जा रहा था। रविवार को शहर के अलग-अलग इलाकों से छोटी प्रतिमाओं को नगर निगम की कचरा गाड़ी में महादेव घाट में बने अस्थायी कुंड में लाया गया। शाम के वक्त एक ट्रक में भी प्रतिमाएं लाई गईं, जिन्हें कर्मचारी करीब 10 फीट की दूरी से ट्रक में चढ़कर सीधे नदी में फेंक रहे थे। मामले ने तूल पकड़ा तो नगर निगम के अफसरों ने ट्रक के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की गाड़ी बता दिया। हालांकि उन छोटे ऑटो पर किसी तरह की सफाई पेश नहीं की गई जो अक्सर मुहल्लों के नुक्कड़ से कचरा उठाने के काम में ही लाए जाते हैं।
विवाद बढ़ा तो बोले महापौर- राजनीति न करें
महापौर एजाज ढेबर ने दावा किया कि कचरा गाड़ी में किसी प्रतिमा को नहीं ले जाया गया। कुछ कर्मचारियों ने विसर्जन में लापरवाही बरती है। अब उन्हें इस काम से हटा दिया है। मैंने खुद महादेव घाट के कुंड पर जा कर लोगों से मुलाकात कर उनकी बातें सुनी हैं। व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए हैं। इस मामले में कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं। मैं उनसे कहूंगा कि और भी मंच और मौके मिल जाएंगे, इस तरह के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए। इससे पहले इस मामले में अपना बयान देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने इस तरह की घटना को हिंदू आस्था के अपमान से जोड़कर ये कहा कि अब धर्म से खिलवाड़ करना कांग्रेस की आदत बन चुकी है।
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