छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में एक मेडिकल अफसर ने अपनी महिला सहकर्मी से हाथ जोड़कर माफी मांगी है। यह डॉक्टर बस्तर के लोहंडीगुड़ा स्थित सरकारी अस्पताल में पदस्थ है। महिला ने शिकायत की थी, उनके वहां जॉइनिंग के साथ ही मेडिकल अफसर ने उनकी डिग्री को फर्जी बताकर बदनाम करना शुरू कर दिया था। बाद में यह प्रताड़ना बढ़ती गई।
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया, इस मामले में दोनों लोहंड़ीगुड़ा के सरकारी अस्पताल में एमबीबीएस डॉक्टर हैं। महिला ने शिकायत की थी, जब उसने लोहंडीगुड़ा में जॉइन किया तभी से मेडिकल अफसर लोगों के बीच यह कह रहे हैं कि मेरी डिग्री फर्जी है। वह एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है और अपने पति के पैसों के दम पर सरकारी अस्पताल में पहुंच गई है।
महिला ने आरोप लगाया था कि मेडिकल अफसर ने उसके निजी दस्तावेजों को निकालकर वायरल करा दिया। ऑफिस के चपरासी से लेकर पूरा स्टाफ मुझे शक की नजर से देखते हैं। जिसके कारण मैं मानसिक तनाव में रहती हूं। आयोग ने दोनों पक्षों को सुना। समझाने के बाद मेडिकल अफसर ने आयोग के सामने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया। उसके बाद आयोग ने महिला की मानहानि के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने का प्रस्ताव रखा। डॉक्टर ने इसे स्वीकार कर लिया और खुली सुनवाई में हाथ जोड़कर अपनी सहकर्मी डॉक्टर से माफी मांगी। इस माफीनामे के साथ यह मामला भी बंद कर दिया गया।
आउटसोर्स एजेंसी पर महिलाओं ने गालीगलौज का आरोप
स्वच्छ भारत मिशन की एक आउटसोर्स कंसल्टेंट एजेंसी से जुड़ी एक शिकायत भी महिला आयोग पहुंची है। वहां काम कर रही 6 महिलाओं ने मानसिक प्रताड़ना और नौकरी से निकलवाने की धमकी का आरोप लगाया है। कहा गया, ऑनलाइन बैठक में एजेंसी के अधिकारी अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हैं। कभी सुबह 5 बजे कभी रात 11 बजे काम करने के लिए बाध्य करते हैं। आयोग ने एजेंसी को अगली सुनवाई में बुलाया है।
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