छत्तीसगढ़ सरकार भी राजस्थान जैसी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कर सकती है। सरकार ने राजस्थान की योजना का अध्ययन करने के लिए कुछ अफसरों को जयपुर भेजा था। उनकी रिपोर्ट आ गई है। बुधवार को वित्त विभाग के अफसरों की एक बैठक में इस रिपोर्ट पर चर्चा होने जा रही है।
राजस्थान सरकार ने 23 फरवरी को ही पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था, एक अप्रैल 2022 से राज्य कर्मचारियों के वेतन से पेंशन अंशदान की कटौती नहीं होगी। बताया जा रहा है कि राजस्थान ने पिछले कई महीनों से इस योजना की तैयारी की थी। छत्तीसगढ़ विधानसभा में 9 मार्च को बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा कर दी। बताया जा रहा है कि तब तक सरकार के पास योजना को लेकर कोई खास ढांचा उपलब्ध नहीं था। एक प्रारंभिक अध्ययन ही कराया गया था, जिसका मकसद केवल यह जानना था कि इससे राज्य के संसाधनों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
बाद में उप सचिव विजय शुक्ला, संचालक केएल रवि और संयुक्त संचालक किरण नागेश को जयपुर भेजा गया था। इन अधिकारियों ने राजस्थान सरकार के वित्त विभाग के अफसरों से योजना पर चर्चा के बाद एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है। बुधवार को वित्त विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी. विभाग के दूसरे अधिकारियों और जयपुर से लौटे अफसरों से पूरी योजना पर चर्चा करने वाली हैं। इसमें लिए गए फैसलों से ही पुरानी पेंशन योजना की राह आसान होगी।
बैठक में इन बिंदुओं पर होनी है चर्चा
कर्मचारियों के इलाज के लिए नई योजना का भी प्रस्ताव
वित्त विभाग की इस बैठक में राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (SGHS) लागू करने आवश्यकता और संभावना पर भी चर्चा होनी है। राजस्थान सरकार ने 2021 के बजट में इस योजना को पेश किया था। इसके तहत कर्मचारियों के वेतन स्लैब के मुताबिक अंशदान की कटौती होती है। बीमार होने पर आउटडोर अथवा इनडोर चिकित्सा सुविधा कैसलेश उपलब्ध कराई जाती है।
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