26 दिसंबर को रायपुर में हुई धर्म संसद में गांधी को अपशब्द कहने के बाद शुरू हुआ अभी भी जारी है। अब नए घटनाक्रम के तहत इसके आयोजक नीलकंठ त्रिपाठी ने अपनी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। नीलकंठ त्रिपाठी NCP के युवा विंग के राष्ट्रीय सचिव के पद पर थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार को खत लिखकर नीलकंठ त्रिपाठी ने पार्टी छोड़ दी है। त्रिपाठी ने दैनिक भास्कर को बताया कि कुछ स्थानीय नेता और पार्टियों के नेता ये आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने जानबूझकर कांग्रेस के साथ मिलकर इस धर्म संसद का आयोजन किया।
त्रिपाठी, पर आयोजन के बाद धर्म विशेष के लिए माहौल बिगाड़ने का सियासी आरोप भी लगाया गया। इसी धर्म संसद में महात्मा गांधी को लेकर विवादित टिप्पणी की गई। नीलकंठ त्रिपाठी ने कहा है कि मेरा जन्म पुरोहित परिवार में हुआ है। हिंदू धर्म के प्रचार- प्रसार के मकसद से मैंने धर्म संसद का आयोजन नीलकंठ सेवा संस्थान के बैनर तले करवाया था। धर्म संसद को राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया। इसलिए मैंने पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया है।
कालीचरण के बयान का विरोध
जिस धर्म संसद में महात्मा गांधी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी महाराष्ट्र के संत कालीचरण ने की, उसका आयोजन नीलकंठ त्रिपाठी ने ही करवाया था। कार्यक्रम में कालीचरण द्वारा दिए गए बयानों का विरोध नीलकंठ त्रिपाठी ने किया, उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में संवैधानिक रूप से कार्रवाई करें। इसके लिए आयोजन संस्था भी उन्हें अपना पूरा सहयोग कर रही है।
आगे करूंगा धर्म के लिए काम
नीलकंठ त्रिपाठी ने दैनिक भास्कर को बताया कि आगे वह हिंदू धर्म के प्रचार- प्रसार के लिए काम करते रहेंगे, फिलहाल किस राजनीतिक दल से जुड़ेंगे इसे लेकर कुछ भी त्रिपाठी ने साफ नहीं किया है । शरद पवार के अलावा त्रिपाठी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों को भी भेज दिया है।
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