दो दिन में कवर्ड कैंपस के 5 फ्लैट में चोरी:एक ही तरीके से हुई चोरियां, दिल्ली से आकर वारदात करने का शक

रायपुरएक वर्ष पहले
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मोहननगर और हीरापुर में चोरी के आरोपी सीसीटीवी फुटेज में कैद। - Dainik Bhaskar
मोहननगर और हीरापुर में चोरी के आरोपी सीसीटीवी फुटेज में कैद।

एक ही तकनीक और एक हुलिए वाले तीन-चार चोरों ने पिछले तीन दिन में राजधानी के साथ-साथ भिलाई-दुर्ग के कवर्ड कैंपस को निशाना बनाया और 5 फ्लैट में बड़ी चोरियां की हैं। चोर कार से हर कैंपस के पिछले हिस्से में पहुंचे, दीवार फांदकर घुसे और रैंडम तरीके से जिस फ्लैट में ताला मिला, उसके भीतर घुसकर जेवर-कैश ले गए। पांचों चोरियों में आरोपी आराम से परिसर से उतरे और पिछले हिस्से ही दीवार फांदकर कार से भाग निकले। एक-दो वारदातों में कार के भी धुंधले फुटेज आए हैं।

पुलिस ने राजधानी के कवर्ड कैंपस को दिल्ली (एनसीआर) के इस गिरोह को लेकर अलर्ट कर दिया है। दोनों शहरों के पुलिस हर चोरी के बाद भागने के संभावित रास्तों के कैमरे खंगाल रही है, लेकिन कैंपस के बाद कहीं भी फुटेज नहीं मिल रहे हैं। चूंकि चोर नकाबपोश थे, इसलिए उनका भी क्लू नहीं मिला है। लिस अफसरों ने बताया कि रायपुर में हीरापुर के दो कवर्ड कैंपस के तीन फ्लैट में एक जैसी वारदातों हुई हैं।

इसी तरह, दुर्ग के मोहननगर के कवर्ड कैंपस को निशाना बनाया। हर कैंपस में 24 घंटे सुरक्षा गार्ड रहते हैं और तीन-तीन दर्जन कैमरे लगे हैं। इसके बावजूद चोर आसानी से दीवार फांदकर कॉलोनी में घुसे और चोरी करके भाग निकले। हीरापुर के में दो फ्लैट से चोर 20 लाख रुपए से ज्यादा के जेवर और कैश ले गए। दुर्ग की चोरियों में भी जेवर-कैश मिलाकर 30 लाख रुपए से अधिक का माल गया।

दोनों ही शहरों में पुलिस को अलग-अलग कैंपस के पीछे एक कार का फुटेज मिला है, जो धुंधला और नंबर नहीं दिख रहा है। इसलिए उसका पता नहीं चल पाया है। पुलिस का अनुमान है कि ये दिल्ली (नेशनल कैपिटल रीजन) से आया गिरोह हो सकता है। गिरोह के सदस्य कार में आए हैं और वारदातों में उसी का इस्तेमाल हुआ है। सभी वारदातों में दो-दो नकाबपोश चोरों के ही फुटेज हैं। दोनों शहरों की पुलिस इन चोरियों की संयुक्त रूप से जांच कर रही है। हालांकि अब तक पुख्ता क्लू नहीं मिल पाया है।

मेरठ में कार तक पहुंची पुलिस, लेकिन नहीं मिल पाया गिरोह
कुछ अरसा पहले इसी तरीके से कबीर नगर इलाके के तीन फ्लैट में चोरी हुई थी। उसमें भी पुलिस को दो नकाबपोश युवकों का फुटेज मिला था। यही नहीं, जिस कार से दोनों आराम से भागे, चोरी वाले कैंपस से वह 500 मीटर दूर रखी गई थी और फुटेज में उसका नंबर भी मिल गया।
कार मेरठ की थी। पुलिस कार के शो रूम तक पहुंच गई थी लेकिन चोरों तक नहीं पहुंच पाई है। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ था कि दिल्ली-हरियाणा का गिरोह मेरठ से किराए से कार लेकर आया और रायपुर समेत प्रदेश के कई शहरों में आधा दर्जन वारदातें करके निकल गया। जितने भी फुटेज पुलिस को मिले, उन्हें दिल्ली, हरियाणा और मेरठ पुलिस को भेजा गया, लेकिन क्लू नहीं मिला।

जेल से कई शातिर चोर छूटे, लोकल से लिंक का भी शक
पुलिस को शक है कि यहां के लोग भी बाहरी गिरोह के लिंक हो सकते हैं। पुलिस ने जेल में जांच की तो पता चला कि चोरी के मामले में जेल में बंद अधिकांश गिरोहबाज तथा शातिर चोर या तो जमानत पर छूट गए हैं या पैरोल (छुट्टी) में जेल से बाहर हैं। इन्हीं में से कोई व्यक्ति का गिरोह बाहर से आए चोर गिरोहों का लिंक हो सकता है, जो वारदात की जगह और शहर में भागने के रास्ते जानता हो। पुलिस टीम लोकल गिरोह का लिंक तलाश रही है। लेकिन अफसरों का कहना है कि लोकल गिरोह सहयोगी हो सकते हैं, सीधे इस तरह की चोरियां करने के अब तक कोई प्रमाण नहीं हैं। फिर भी क्लू के मामले में पुलिस अब तक खाली हाथ ही है।

चोरी की जांच के लिए स्पेशल टीम बनाई गई है। पुलिस को कुछ अहम क्लू मिले है। चोरी रोकने के लिए कॉलोनी और सोसायटी में सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा। सुरक्षा गार्ड को ट्रेनिंग दी जाएगी और कैमरे लगवाएं जाएंगे।
प्रशांत अग्रवाल, एसएसपी रायपुर

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