हर हफ्ते नींबू मिर्ची की माला लगाने का चलन:इस बार कई दुकानों में नहीं लग पा रही, हफ्ते में दो बार माला लगाने के लिए 100-120 रुपए देते रहे हैं व्यापारी

रायपुरएक वर्ष पहलेलेखक: अमिताभ अरुण दुबे
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अधिकांश दुकानदार हफ्ते में दो बार माला लगाने के लिए 100 रुपए से 120 रुपए तक देते हैं।  - Dainik Bhaskar
अधिकांश दुकानदार हफ्ते में दो बार माला लगाने के लिए 100 रुपए से 120 रुपए तक देते हैं। 

महंगे नीबू के चलते राजधानी के बाजार में नींबू मिर्च की माला की खपत कम हो गई है। यहां लगभग सारे व्यापारी दुकान में नीबू-मिर्च की माला लटकाते हैं। मालाएं पहुंचाने का काम शहर में कुछ कारोबारी वर्षों से कर रहे हैं, लेकिन महंगे नींबू की वजह से इस बार कई दुकानों में मालाएं नहीं पहुंचीं। राजधानी रायपुर के कंकालीपारा, सतबहिनिया, बूढ़ातालाब के आसपास, कालीबाड़ी, तेलीबांधा और श्यामनगर में नींबू मिर्च की माला लगाने वाले लोगों ने भी काम बंद रखा है।

भास्कर टीम ने नींबू-मिर्च की माला बनाने वालों से बात की तो उन्होंने दावा किया कि हर मंगलवार और शनिवार को दो-दो सौ से ज्यादा मालाएं दुकानों तक पहुंचा रहे थे, लेकिन इस बार 100 भी नहीं बिकी हैं। राजधानी में मंगलवार और शनिवार को दुकानों पर सात मिर्च और एक नीबू की माला लगाने का चलन है।

नीबू की किल्लत के कारण मालाएं कम बन रही हैं।

मंदिर में कम चढ़ी : पुजारी
नीबू देवी का प्रिय फल है। मान्यता है कि इससे बाधा दूर होती है। नजर उतारने के लिए लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। काली मंदिर में इस बार पिछले साल की तुलना में नीबू की कम माला चढ़ाई गई-मनोज शुक्ला, मामाजी पुजारी- कालीमंदिर

नींबू का संबंध सात्विक बलि से
आत्मविश्वास में कमी के चलते लोग इस तरह के टोटके करते हैं। इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। नीबू सात्विक बलि से संबंधित से है इसलिए पूजा पाठ में इस्तेमाल होता है।-आचार्य चंद्रप्रकाश मिश्रा, वैदिक यज्ञशास्त्री