छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपना चौथा बजट पेश किया। पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से जूझ रहे प्रदेश के हर वर्ग को मुख्यमंत्री से उम्मीद थी। इसी उम्मीद को कायम रख मुख्यमंत्री ने राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की। कर्मचारी भी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। वहीं आमजन को राहत देते हुए किसी भी नए टैक्स को नहीं लाया गया है। वहीं टैक्स वृद्धि पर सुझाव देने के लिए वित्त विभाग में नया सेल बनाने की घोषणा जरूर की। फिलहाल विधानसभा गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बजट से जुड़ी खास बात
इस बार मुख्यमंत्री एक लाख 4 हजार करोड़ का बजट पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थापना व्यय बड़ा है। वहीं 14 हजार 600 करोड़ काे घाटे की भी बात कही। वहीं शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि की भी घोषणा की। हालांकि इसका लाभ अगले साल से मिलेगा। वहीं प्रदेश में 6 नई तहसीलें बनाने की भी घोषणा की गई। मुख्यमंत्री ने विश्व की मंगल कामना के लिए यजुर्वेद के श्लोक से बजट भाषण की शुरुआत की।
सुरक्षा और सुविधाएं
विधायक निधि की राशि में बढ़ोतरी
विधायक निधि की राशि को बढ़ाकर 4 करोड़ रुपए कर दिया गया है। पहले यह 2 करोड़ रुपए थी। इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया गया है। सरपंच और पंचों का भत्ता भी बढ़ा। अधिसूचित क्षेत्र में ग्राम पंचायतों को खदान संचालन का अधिकार दिया गया।
यह भी घोषणाएं
गाय, कृषि और गांव की बात
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कहा था, वह करके दिखाया। गांव केंद्रित अर्थव्यवस्था के मॉडल को देश भर में पहचान मिली है। इस योजना में मांझियों को भी शामिल किया गया।
स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल
मुख्यमंत्री ने कहा, स्वास्थ्य क्षेत्र में कुपोषण से हम जंग जीत रहे हैं। विभिन्न सुपोषण योजनाओं एवं मुख्यमंत्री पोषण अभियान के प्रयास से विगत 3 वर्षों में कुपोषण की दर में 8.7% की कमी आई। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ करने के बाद साल 2019 में से अब तक 172000 बच्चे कुपोषण के कुचक्र से बाहर निकाला गया।
सकल घरेलू उत्पाद में 11.54% फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि 2020-21 की तुलना में चालू वर्ष के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 11.54 फीसदी वृद्धि का अनुमान है। कृषि क्षेत्र में 3.88 औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 और सेवा क्षेत्र में 8.54 फीसदी वृद्धि अनुमानित है। जबकि औद्योगिक क्षेत्र में अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय दर से 3.64% अधिक है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 4 लाख 61 करोड़ होना अनुमानित, पिछले वर्ष की तुलना में यह 13.60 फीसदी अधिक है।
कोई टैक्स नही, लेकिन उपकर लगाया
बजट में सरकार कोई नया टैक्स लेकर नहीं आई है। लेकिन संपत्ति के पंजीयन शुल्क पर रोजगार एवं युवा विकास उपकर यानी सेस लगाने की घोषणा हुई है। यह उपकर पंजीयन शुल्क का कितना प्रतिशत होगा अभी नहीं बताया गया है। सरकार को अनुमान है कि इस उपकर से 100 करोड़ रुपए की आय होगी। बताया जा रहा है, इस राशि का उपयोग राजीव युवा मितान क्लब के वित्त पोषण में किया जाएगा। सरकार ने फिलहाल इस योजना के लिए 75 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है।
पुरानी पेंशन योजना सरकार का मास्टर स्ट्रोक
बजट को लेकर संभावना जताई जा रही थी कि पिछले तीन सालों की तुलना में इस बार आकार और बड़ा होगा। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने इसके संकेत दिए थे। इस बजट में किसान, मजदूर और युवाओं के लिए सरकार ऐलान किए हैं। बजट में पुरानी पेंशन योजना शुरू करना सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
प्रश्नकाल में भी रोजगार पर चर्चा
बजट से पहले विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने रोजगार के आंकड़ों पर बात की। उन्होंने कहा 37 हजार लोगों को रोजगार देने की बात सरकार ने बताया है। मगर कल अलग आंकड़ा बताया गया है।रोजगार पंजीयन घटता क्यों जा रहा है। इस पर मंत्री उमेश पटेल ने कहा, 3 लाख 54 हजार लोगों को स्व-रोजगार दिलाने में मदद की गई है। सरकार ने सेल्फ डिक्लेरेशन से यह आंकड़े जुटाए हैं।
विपक्ष के विधायक अजय चंद्राकर ने पंचायत विभाग पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा आप तथ्य पटल पर रख दीजिए इसकी जांच करा ली जाएगी। वहीं कोंडागांव जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की राशि में गड़बड़ी का आरोप लगाया गया। कांग्रेस विधायक संतराम नेताम ने इस संबंध में सवाल किया था। सवाल पर प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर ने जांच की घोषणा की है।
राजनांदगांव जिले के खुज्जी से कांग्रेस विधायक छन्नी साहू स्कूटी में सवार होकर विधानसभा पहुंची। मगर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बाहर ही रोक लिया। छन्नी काफी देर तक वहां खड़ी रहीं। बाद में उन्होंने परिसर के गेट के बाहर ही स्कूटी छोड़ दिया। मामला सदन में भी उठा। भाजपा विधायकों ने भी इसपर सवाल उठाए। बाद में विधानसभा अध्यक्ष ने बताया, गेट नंबर दो केवल चार पहिया वाहनों के भीतर आने के लिए है। विधायक को अगर स्कूटी से आना था तो वे गेट नंबर एक का प्रयोग कर सकती थीं। जहां दो पहिया वाहन पार्किंग की व्यवस्था है।
बजट से पहले सीएम ने जगाई थी उम्मीद
बजट पेश करने से पहले मुख्यमंत्री ने फेसबुक में एक पोस्ट किया था। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि छत्तीसगढ़ में प्रत्येक वर्ग को “न्याय” सुनिश्चित करने की यात्रा को जारी रखने के लिए आज बजट प्रस्तुत करूंगा। यह नवा छत्तीसगढ़ का जनहितकारी बजट होगा।
पुरानी पेंशन योजना का यह है वित्तीय-राजनीतिक गणित
वित्त विभाग का शुरुआती अनुमान है कि पुरानी पेंशन योजना लागू होने से अगले एक दशक तक सरकार पर वित्तीय बोझ नहीं आने वाला। उल्टे 1680 करोड़ रुपए सालाना की बचत होगी। यह वह राशि है जो सरकार अंशदायी पेंशन यानी नई पेंशन योजना में अपने पास से देती है। नई पेंशन योजना 2004 से लागू हुई है। उसके बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारियों की संख्या तीन लाख 30-40 हजार बताई जा रही है। ये कर्मचारी 2030-32 के बाद ही रिटायर होंगे। तब सरकार पर उनके देयकों का बोझ पड़ेगा। प्रदेश भर के कर्मचारी संगठन जोर-शोर से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी पुरानी पेंशन की बहाली बड़ा मुद्दा था। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित कई विधायकों ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा था।
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