शुक्रवार को गरियाबंद से होते हुए हजारों किसान रायपुर पहुंचे। केंद्र की सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसान ट्रैक्टर रैली निकालते हुए आगे बढ़े। अलग-अलग ग्रामीण हिस्सों से सभी राजधानी में जुटने लगे। दोपहर के वक्त शहर में इनडोर स्टेडियम के पास किसानों की आमसभा का आयोजन किया गया। कृषक संगठन के नेताओं ने इसे संबोधित किया।
इस प्रदर्शन को लेकर किसान नेता तेजराम विद्रोही ने बताया कि केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापस लेने का सिर्फ ऐलान किया है, कागजी तौर पर इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। किसान अब भी इस आशंका में है कि कहीं पिछले दरवाजे से कृषि कानूनों जैसे ही कोई नियम सरकार फिर से लागू न कर दें। रायपुर में संविधान दिवस के मौके पर निकाली गई इस ट्रैक्टर रैली के बाद किसानों ने कहा कि अब MSP पर फसलों की खरीदी हो इसकी गारंटी चाहिए। कृषि कानूनों के विरोध के आंदोलन के दौरान 700 किसानों की जान गई, जिन्हें शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है।
तेजराम विद्रोही ने कहा कि अक्सर जब आदिवासी किसान सड़कों पर जुटते हैं तो उनकी तुलना नक्सलियों से कर दी जाती है। ट्रैक्टर रैली में शामिल होकर रायपुर पहुंचे किसानों के हाथ में हल भी था और तीर कमान भी। किसान इस बात का संदेश देना चाहते थे कि जरूरत पड़ने पर वह अपनी शक्तियों का भी इस्तेमाल करेंगे। दिनभर चले विरोध प्रदर्शन के बाद शाम को किसान अपने जिले लौट गए। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने चेताया है कि अगर वक्त रहते देश और प्रदेश में किसानों के हित के फैसले जल्द नहीं लिए जाते तो आंदोलन और उग्र होगा।
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