इंटरनेट पर इलाज के अपने गैर पारंपरिक दावों को लेकर मशहूर विश्वरूप चौधरी पर रायपुर में FIR हो सकती है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हाल ही में सामने आये उनके एक दावे के खिलाफ थाने में शिकायत की है। एक वीडियो का हवाला दिया गया है, जिसमें चौधरी का दावा है कि किडनी खराब होने की स्थिति में डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ती। सोते समय पायताने वाले पलंग के पायों के नीचे तीन-तीन ईंटें लगा देने से डायलिसिस अपने आप हो जाता है।
इंटरनेट माध्यमों पर वीडियो वायरल होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की हलचल बढ़ी। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा, हॉस्पीटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, डॉ. ललित शाह, डॉ. अनिल जैन और डॉ. विकास अग्रवाल आदि सोमवार शाम सिविल लाइंस थाने पहुंचे। वहां उन्होंने थाना प्रभारी को शिकायती पत्र दिया। इसमें कहा गया, पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया और विभिन्न वॉट्सएप ग्रुप में विश्वरूप नाम के एक व्यक्ति जो अपने आप को अन्य कई बीमारियों का विशेषज्ञ बता रहे हैं। वे एक पुस्तक 360 degree Postural medicine का प्रचार और अपनी वेबसाइट की जानकारी देते दिख रहे हैं। 5 मिनट के इस वीडियो में वह यह कहते नजर आते हैं कि बिस्तर में दोनों तरफ 3 ईंट लगा देने से मरीज को डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ती। इस वीडियो में फरीदकोट की महिला का नाम लेकर उदाहरण भी दिया जा रहा है, जिसका डायलिसिस पीजीआई चंडीगढ़ में चल रहा था। उनका दावा है, डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के निकट पहुंच चुके मरीजों को डायलिसिस की जरूरत नहीं पड़ती। डॉक्टरों ने शिकायत में कहा, हमें आशंका है कि इनका यह व्यक्तव्य पूरे देश में किडनी से संबंधित गंभीर मरीजों को भ्रामक जानकारी देकर सही इलाज से दूर कर देगा। इसकी वजह से मरीजों के अति गंभीर स्थिति में पहुंचने की प्रबल संभावना है। डॉक्टरों ने चौधरी की किताब और वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए भ्रामक जानकारी फैलाने के मामले में केस दर्ज करने का आग्रह किया है।
पुलिस ने कहा, जांच करने के बाद होगा फैसला
सिविल लाइंस थाने के अधिकारियों ने कहा, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की ओर से उन्हें शिकायत मिली है। इस मामले में वे शुरुआती विवेचना करेंगे। अगर तथ्य सामने आये तो FIR दर्ज कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
कोरोना टीके और मास्क का विरोध कर चुके हैं चौधरी
खुद को न्यूट्रिशियन कहने वाले विश्वरूप चौधरी अपने दावों से पहले भी विवाद खड़ा करते रहे हैं। कोरोना काल में उन्होंने एक से एक दावे किये। उनका दावा था यह सामान्य फ्लू है। मौतें इसके इलाज की वजह से हो रही हैं। उन्होंने टीके को भी गैर जरूरी बताया। उनका दावा था कि मास्क लगाने से वायरस नहीं रुकता। बल्कि इसकी वजह से लोग बीमार हो जाते हैं।
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